दिग्गज दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज जैक कैलिस
पार्ल (दक्षिण अफ्रीका): दक्षिण अफ्रीका के महान क्रिकेटर जैक कैलिस का मानना है कि मौजूदा दौर के बल्लेबाजों में धैर्य की कमी है और टेस्ट मैचों में मुश्किल परिस्थिति में रक्षात्मक बल्लेबाजी की जगह आक्रामक बल्लेबाजी करना पसंद करते है. सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा टेस्ट शतक (45) लगाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा कि इस बात पर अभी विचार जारी है कि मौजूदा समय के बल्लेबाजों का यह रवैया सही है या गलत. केपटाउन में तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत का टेस्ट मैच दो दिन के अंदर ही 106 ओवरों में ही खत्म हो गया था.
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कैलिस से जब पूछा गया कि क्या बल्लेबाजों के अत्यधिक आक्रामक हो जाने से टेस्ट मैच परिदृश्य बदल गया है?, पर उन्होंने न्यूलैंड्स की पिच का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि यह बदल गया है. अगर पिच से गेंदबाजों को थोड़ी सी भी मदद मिलती है, तो बल्लेबाज धैर्य देखना पसंद नहीं करते है.' अपने समय के सर्वश्रेष्ठ हरफनमौला खिलाड़ियों में शामिल कहा, ‘पहले बल्लेबाज उस उस दौर से उबरने के लिए धैर्य से बल्लेबाजी करते थे लेकिन इस दौर के खिलाड़ी बड़ा शॉट खेल कर दबाव से पार पाना चाहते है. यह अच्छा या बुरा यह तो समय तय करेगा.'
दो मैचों की श्रृंखला के दूसरे टेस्ट में विकेट की पेशकश के बारे में बात करते हुए, जिसमें दक्षिण अफ्रीका अपनी पहली पारी में 55 रन पर ऑलआउट हो गया और भारत ने आखिरी छह विकेट बिना कोई रन जोड़े गवां दिये थे, पर भी कैलिस ने अपने विचार रखे. केपटाउन के रहने वाले कैलिस का मानना है कि इस पिच में कोई कमी नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह अब तक की सबसे तेज पिच थी. यहां की उछाल असमान थी और गेंद ज्यादा स्विंग कर रही थी. असमान उछाल से बल्लेबाजी कठिन हो जाती है.' उन्होंने कहा, ‘यह निराशाजनक है कि उस दिन ऐसा हुआ, लेकिन भारत ने मुश्किल पिच पर दक्षिण अफ्रीका को हरा दिया.'