शार्दूल ठाकुर का खुलासा, एमएस धोनी की इस अहम सलाह से आया उनकी बल्लेबाजी में सुधार

टीम इंडिया के थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट रघु और नुवान की भूमिका के बारे में ठाकुर ने कहा कि इन दोनों ने उनकी बैटिंग तकनीक सुधारने में मदद की. जब मैंने भारतीय टीम में वापसी की, तो मैंने थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट रघु और नुवान के साथ अभ्यास किया. ये दोनों ही बहुत तेज हैं. शुरुआत में मैं इन दोनों को नहीं खेल पा रहा था.

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शार्दूल ठाकुर ने हालिया समय में अपना कद ऊंचा किया है
नयी दिल्ली:

हाल ही में इंग्लैंड दौरे में जो टीम विराट को कई सकारात्मक मिले, उनमें से एक शार्दूल ठाकुर हैं. यह शार्दूल ही थे, जिन्होंने ओवल में खेले गए चौथे टेस्ट में लगातार दो पचास जड़े थे और भारत यह टेस्ट 157 रनों से जीतने में सफल रहा था.  इससे पहले भी ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे में गाबा टेस्ट में पचासा जड़कर भारत की जीत में अहम योगदान दिया था. शार्दूल ने हाल ही में एक अखबार से बातचीत में खुलासा कि कब उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना शुरू कर दिया था.

अपनी बल्लेबाजी में सुधार के बारे में ठाकुर ने कहा कि दो साल पहले मेरे टखने में चोट लग गयी थी. तब मैंने तय किया कि मुझे अपनी बल्लेबाजी को गंभीरता से लेने की जरूरत है. मेरे भीतर योग्यता थी और मैं निचले क्रम में बल्लेबाजी में योगदान देना चाहता था. मैंने अपने आप से कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, तो बल्लेबाजी में अच्छा करना ही पड़ेगा. ठाकुर बोले कि पूर्व में भी मुझे बैटिंग में मौके मिले थे, लेकिन मैं प्रभाव नहीं छोड़ सका था. मैंने अपने आप से कहा कि अब ऐसे नहीं चलेगा. निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान हमेशा ही खासा मददगार होता है. ऐसे कई उदाहरण हैं, जब 40-50 रन से बड़ा अंतर पैदा किया. 

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टीम इंडिया के थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट रघु और नुवान की भूमिका के बारे में ठाकुर ने कहा कि इन दोनों ने उनकी बैटिंग तकनीक सुधारने में मदद की. जब मैंने भारतीय टीम में वापसी की, तो मैंने थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट रघु और नुवान के साथ अभ्यास किया. ये दोनों ही बहुत तेज हैं. शुरुआत में मैं इन दोनों को नहीं खेल पा रहा था. जब मैंने उनका सामना किया, तो मैंने अपने फुटवर्क में सुधार की कोशिश की और धीरे-धीरे मेरी बल्लेबाजी में सुधार होता गया. 

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शार्दूल बोले कि जितना ज्यादा मैं इनके खिलाफ खेला, उतना ज्यादा ही मैं गति के खिलाफ समायोजित होता गया. अभी तक मैंने जितने भी रन बनाए हैं, उसके लिए मैंने एक प्रक्रिया पर अमल किया है. यह संयोग या भाग्य के सहारे स्ट्रोक की बात नहीं है. ठाकुर ने  खुलासा करते हुए कहा कि कैसे एमएस धोनी के बहुत ही अहम सुझाव से उन्हें बैटिंग सुधारने में मदद मिली. ठाकुर ने उत्साह बढ़ाने के लिए विराट और रोहित की भी प्रशंसा की. इस गेंदबाज ने कहा कि विराट और रोहित ने कहा कि जब भी मैं बैटिंग करूं, तो एक बल्लेबाज की तरह सोचूं. एक बार मैं माही भाई के कमरे में था और उनका बैट पकड़े हुए थे. इस पर उन्होंने कहा कि मेरी बैटिंग ग्रिप बहुत ही ऊंची है और शॉटों पर बेहतर नियंत्रण के लिए उन्हें बल्ला नीचे से पकड़ना चाहिए. अब मैं बल्ला नीचे से पकड़ता हूं और इसने मेरी बहुत ज्यादा मदद की. 

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