एमएस धोनी एक रियल एस्टेट कंपनी के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं (फाइल फोटो)
खास बातें
- ब्रांड के प्रचार के लिए सेलिब्रिटी का इस्तेमाल करती हैं कंपनियां
- ऐसे ही एक मामले में निवेशकों के 'गुस्से' का शिकार बने थे धोनी
- बाद में धोनी से इस कंपनी से अपने संबंध खत्म कर लिए थे
नई दिल्ली: बड़ी कंपनियां आमतौर पर अपने ब्रांड के प्रचार-प्रसार के लिए 'बड़े नाम वाले' क्रिकेटरों का इस्तेमाल करती हैं. कई बार फर्म के वादे पर खरा नहीं उतरने के कारण दांव उलटा पड़ जाता है. ऐसे ही एक मामले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक रियल एस्टेट फर्म की विभिन्न प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले लोगों के 'गुस्से' का शिकार बन चुके हैं. धोनी पिछले साल तक इस कंपनी के ब्रांड एंबेसडर थे. जब कंपनी अपने प्रोजेक्ट को लेकर विवादों में फंसी तो उन्होंने इस फर्म से संबंध खत्म कर लिए थे. ऐसे हाउसिंग प्रोजेक्ट में धनराशि निवेश करने वाले कुछ लोगों ने इसके लिए धोनी और हरभजन सिंह को खरी-खोटी सुनाई है.
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ऐसे प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले एक शख्स ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि धोनी और हरभजन को इस कंपनी की ओर से आलीशन विला मिला है जबकि उनकी (निवेशकों की ) धनराशि फंस गई है. उन्होंने लिखा, धोनी-हरभजन, सर आप लोगों को फ्री में विला मिल गया. हमारे तो पैसे भी डूब गए.
इस आरोप का ट्वीट के जरिये जवाब देने में हरभजन ने जरा भी देर नहीं लगाई. उन्होंने लिखा, 'भाई तुझे किसने बोला कि हमें विला मिल गया है. हमें ठेंगा मिला है. बेवकूफ बनाया गया. हमारे नाम का उपयोग करके पब्लिक के पैसे मारे गए हैं. '
ट्विटर पर एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, 'धोनी कंपनी के अच्छे दोस्त हैं इसलिए हरभजन को झूठ नहीं बोलना चाहिए.'
इस पर हरभजन ने जवाब दिया, वह उनका दोस्त हो सकता है लेकिन मेरा नहीं है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप उनसे पूछे, मुझसे नहीं. अगर आपके पास थोड़ा सा भी दिमाग है तो उसे इस्तेमाल करिए.
गौरतलब है कि इस फर्म ने वर्ल्डकप 2011 में जीत हासिल करने वाली भारतीय टीम को सदस्यों को विला तोहफे के तौर पर देने की घोषणा की थी. बाद में हरभजन ने साफ किया कि कोई विला नहीं दिया गया.
वीडियो: धोनी के शहर में टीम इंडिया की जीत के लिए प्रार्थना
भारतीय टीम वर्ष 2011 में हुए वर्ल्डकप में श्रीलंका को हराकर चैंपियन बनी थी. धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने यह बड़ी जीत हासिल की थी.