Ranji Trophy 2022-23: कुछ महीने पहले पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक संदेश पोस्ट किया था: “आशा है कि साईं बाबा आप सब कुछ देख रहे होंगे.” मुश्किल हालात का सामना करने के बाद वह दैवीय हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे थे. उसका आकलन ऐसे लोगों ने किया जो उसे जानते भी नहीं थे और अच्छे समय में साथ रहने वाले दोस्त भी उस समय साथ नहीं थे जब उन्हें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी.
पृथ्वी ने गुवाहाटी में रणजी ट्रॉफी मैच (Mumbai vs Assam) में 383 गेंद में 379 रन बनाने के बाद कहा, “मुझे लगता है कि पोस्ट सिर्फ इस बारे में थी कि वह (साईं बाबा) देख रहे हैं या नहीं. यह किसी के लिए नहीं था. यह व्यक्तिगत बात थी.”
भारतीय फर्स्ट क्लास क्रिकेट (Ranji Trophy) इतिहास के करीब नौ दशक में 1948-49 में पुणे में काठियावाड़ के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए भाऊसाहेब निंबालकर के 443 रन के बाद पृथ्वी ने दूसरा सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाया है.
अंडर-19 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय कप्तान ने कहा, “कभी-कभी आप निराश हो जाते हैं. आप जानते हैं कि आप अपनी चीजें सही कर रहे हैं. आप जानते हैं कि आप अपनी प्रक्रियाओं पर सही चल रहे हैं, आप खुद के प्रति ईमानदार हैं, मैदान पर और बाहर अपने करियर के साथ अनुशासित हैं. लेकिन कभी-कभी लोग अलग तरह से बात करते हैं. जो लोग आपको जानते भी नहीं हैं वो आपको आंकते हैं.”
सफलता व्यक्ति को समझदार बनाती है लेकिन कठिन समय आपको थोड़ा जल्दी परिपक्व बना देता है. यह इस 23 वर्षीय के साथ हुआ है जो अब जानता है और पहचान सकता है कि कौन उसके शुभचिंतक हैं.
उन्होंने कहा, “जब मैं अच्छा नहीं कर रहा था तो जो लोग मेरे साथ नहीं थे मैं वास्तव में उनकी परवाह नहीं करता. बस उन्हें अनदेखा करना पसंद करता हूं. यह सबसे अच्छी नीति है.”
पृथ्वी (Prithvi Shaw) सचिन तेंदुलकर के बाद किशोरावस्था में टेस्ट शतक लगाने वाले दूसरे पुरुष क्रिकेटर हैं.
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सोशल मीडिया पर ट्रोल्स या प्रतिकूल टिप्पणियां भी अब पृथ्वी को परेशान नहीं करतीं.
पृथ्वी को राष्ट्रीय टीम (Team India) में वापसी का मौका मिलना चाहिए था लेकिन टेस्ट टीम (Indian Cricket Team) में रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, शुभमन गिल और अभिमन्यु ईश्वरन के उनसे आगे होने के कारण नहीं पता कि उन्हें कब मौका मिलेगा.
उन्होंने कहा, “मैं यह भी नहीं सोच रहा हूं कि कोई मुझे भारतीय टीम में बुलाएगा या नहीं. मैं बस अपनी चीजों को सही करने की कोशिश कर रहा हूं जो मैं कर सकता हूं और आगे के बारे में नहीं सोच रहा हूं. मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो एक बार में एक दिन जीना पसंद करता है. मुझे अपना आज सही बनाना है. मैं मुंबई के लिए खेल रहा हूं और लक्ष्य रणजी ट्रॉफी जीतना है.”
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में हर रोज 400 का स्कोर नहीं बनता लेकिन अगर उन्हें रियान पराग की गेंद पर LBW आउट नहीं दिया गया होता तो वह 400 रन के स्कोर को पार कर सकते थे.
पृथ्वी ने कहा, “यह वास्तव में अच्छा लगता है. मैं 400 रन बना सकता था. मुझे लगता है कि मैं वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था लेकिन यह समय की बात थी क्योंकि बड़े रन नहीं आ रहे थे. मैंने सोचा मुझे क्रीज पर और अधिक समय बिताना चाहिए. धैर्य दिखाया और इस विकेट पर इसकी जरूरत थी.”
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