मेहमान अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला अभी खेला जाना बाकी है, लेकिन यह कहने में कोई गुरेज नहीं होगा कि इस सीरीज में भारत के लिए एक देन शिवम दुबे (Shivam Dube) रहे हैं, जिन्होंने लगातार दूसरे मैच में अर्द्धशतक बनाया, लेकिन दोनों ही मैचों में जिस उनकी बात ने फैंस और पंडितों का ध्यान खींचा, वह रहा उनके खेलने का आतिशी अंदाज. दुबे इंदौर में बहुत ही ज्यादा आक्रामक खेले और उन्होंने सिर्फ 22 गेंदों पर ही अर्द्धशतक जड़ते हुए यह तो साफ कर ही दिया कि वह अगले कुछ साल इस फॉर्मेट में टीम इंडिया को अपनी सेवाएं देने जा रहे हैं. मैच खत्म होने के बाद दुबे ने कहा कि कप्तान रोहित मेरी पारी से वास्तव में बहुत खुश हुए. और उन्होंने मुझसे कहा, 'वेल प्लेड.'
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जायसवाल के बारे में दुबे ने कहा कि हम दोनों ही स्ट्रोक खेलना पसंद करते हैं. मैच में मेरी भूमिका स्पिनरों पर प्रहार करने की की थी, तो वहीं लक्ष्य को कितने ओवर में खत्म करना है, इसे लेकर कोई योजना नहीं थी, लेकिम हमें और पहले मैच खत्म करना चाहिए था. और दुबे का यह बयान वर्तमान युवा पीढ़ी के बल्लेबाजों की सोच बताने के लिए काफी है कि ये कैसा सोचते हैं और वे कितने परिपक्व हैं.
आपने अपने खेल पर क्या-क्या काम किया है? इस सवाल पर दुबे ने कहा कि मैंने पिछले कुछ समय में अपने खेल पर बहुत ही कड़ी मेहनत की है. अलग-अलग पहलुओं से काम किया है. साथ ही, मैंने इस पर भी मानसिक तौर पर मेहनत की कि टी20 मैच के लिए आप खुद को कैसे तैयार करते हैं. लेफ्टी बल्लेबाज बोले कि एक पहलू यह भी रहा कि दबाव से कैसे निपटना है और किस गेंदबाज विशेष को निशाना बनाना है. हर गेंद पर प्रहार लगााना अहम नहीं है. गेंदबाजी में सुधार के सवाल पर शिवम ने कहा कि मैं अपनी गेंदबाजी पर भी काम कर रहा हूं. मैं बहुत ही खुश हैं कि पहले मैच में यह कारगर रही, लेकिन दूसरे मैच में ज्यादा अच्छा नही किया. लेकिन यह टी20 है और यह ऐसे ही चलती है.