अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बोर्ड में शामिल होने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रतिनिधि को वैश्विक क्रिकेट संस्था के वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है. बीसीसीआई ने अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सचिव जय शाह के आईसीसी बोर्ड में भारतीय प्रतिनिधि बनने की संभावना है. शाह हालांकि रोजर बिन्नी को भी बोर्ड में भेज सकते हैं और ऐसी स्थिति में वह मुख्य कार्यकारियों की समिति का हिस्सा बने रहेंगे. वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति आईसीसी की सभी उप- समितियों में सबसे महत्वपूर्ण है और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली के इसका हिस्सा बनने से पहले बीसीसीआई का कोई प्रतिनिधि कई वर्षों तक इसका हिस्सा नहीं था.
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इस मामले की जानकारी रखने वाले आईसीसी के एक सूत्र ने बताया, ‘‘अगर जय आईसीसी बोर्ड में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो वह स्वत: ही वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का हिस्सा बन जाएंगे, लेकिन भारत लंबे समय से वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति का प्रमुख नहीं बना है और अब समिति का प्रमुख बनने की बीसीसीआई की बारी है.'
शाह आईसीसी की वार्षिक बोर्ड बैठक के लिए अगले कुछ दिन में मेलबर्न पहुंचेंगे, बीसीसीआई के नव नियुक्त अध्यक्ष रोजर बिन्नी और आईपीएल अध्यक्ष अरुण धूमल के भी टी20 विश्व कप देखने के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचने की उम्मीद है. यह देखना रोचक होगा कि आईसीसी की मुख्य कार्यकारियों की बैठक में कौन भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. परंपरा यह रही है कि बोर्ड अध्यक्ष आईसीसी बोर्ड का हिस्सा होता है जबकि सचिव मुख्य कार्यकारियों की समिति की बैठक में हिस्सा लेता है.
वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति आईसीसी के वार्षिक बजट पर फैसला करती है. यही समिति राजस्व साझा करने के मॉडल, प्रायोजन और निश्चित चक्र में विभिन्न अधिकार करार पर फैसला करती है. जहां तक चेयरमैन पद का सवाल है तो न्यूजीलैंड के निवर्तमान चेयरमैन ग्रेग बारक्ले एक और कार्यकाल के प्रबल दावेदार हैं, लेकिन एक और उम्मीदवार ने नामांकन भरा है. सदस्यों ने दूसरे उम्मीदवार को लेकर चुप्पी साध रखी है लेकिन समझा जाता है कि वह जिंबाब्वे क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख तेवेंग्वा मुखुलानी या सिंगापुर के इमरान ख्वाजा हो सकते हैं. गांगुली आईसीसी क्रिकेट समिति में बने रह सकते हैं क्योंकि यह तीन साल का कार्यकाल है.
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