नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल के विश्वभारती विश्वविद्यालय ने वर्तमान अकादमिक सत्र में अपने नए योग शिक्षा केंद्र के भाग के रूप में एक योग स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है जो पूर्वी भारत में विश्वविद्यालय स्तर पर पहला प्रयास है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल में घोषणा की थी कि अकादमिक सत्र 2016-17 से छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों के पास पूर्णरूपेण विकसित योग विभाग होंगे।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक नवाचार और ग्रामीण पुनर्निर्माण के निदेशक सबुजकोली सेन ने कहा, हम जुलाई-अगस्त से शुरू होने वाले सत्र में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 5 करोड़ रुपये आधारभूत संरचनाओं और 5 करोड़ रुपये प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम को मूर्त रूप देने के लिए स्वीकृत किए हैं। जैसे ही आधारभूत संरचनाएं और पाठ्यक्रम विकसित हो जाएंगे, हम योग पाठ्यक्रम में बीएससी, एमएससी और अन्य सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कर देंगे।
अन्य पांच विश्वविद्यालयों में उत्तराखंड में एच. एन. बहुगुणा विश्वविद्यालय गढ़वाल, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक (मध्य प्रदेश), मणिपुर विश्वविद्यालय इंफाल और राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय अजमेर शामिल हैं जिनमें योग के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक नवाचार और ग्रामीण पुनर्निर्माण के निदेशक सबुजकोली सेन ने कहा, हम जुलाई-अगस्त से शुरू होने वाले सत्र में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 5 करोड़ रुपये आधारभूत संरचनाओं और 5 करोड़ रुपये प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम को मूर्त रूप देने के लिए स्वीकृत किए हैं। जैसे ही आधारभूत संरचनाएं और पाठ्यक्रम विकसित हो जाएंगे, हम योग पाठ्यक्रम में बीएससी, एमएससी और अन्य सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कर देंगे।
अन्य पांच विश्वविद्यालयों में उत्तराखंड में एच. एन. बहुगुणा विश्वविद्यालय गढ़वाल, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक (मध्य प्रदेश), मणिपुर विश्वविद्यालय इंफाल और राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय अजमेर शामिल हैं जिनमें योग के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
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