M Venkaiah Naidu
नई दिल्ली:
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की सिफारिश की. उपराष्ट्रपति ने इसकी सिफारिश जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की वजह से ज्यादा संख्या में लोगों के पीड़ित होने की वजह से की. उपराष्ट्रपति 'योग एंड माइंडफुलनेस : द बेसिक्स' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे. इस पुस्तक को जानी-मानी योगाचार्य मानसी गुलाटी ने लिखा है. नायडू ने कहा कि आधुनिक उपकरणों से जीवन आसान बना है, इसके साथ ही सुस्त जीवनशैली जैसे मुद्दे भी सामने आए हैं.
नायडू ने कहा कि लोगों को अपनी जीवनशैली में सार्थक गतिविधियों का हिस्सा अपनाना होगा. उन्होंने कहा, "हम सूरज की रौशनी में नहीं जा रहे या हम प्रकृति का आनंद नहीं ले रहे हैं." उन्होंने कहा कि लोग विटामिन डी की कमी के लिए चिकित्सकों के पास जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भोजन में भी सूर्य की रोशनी शामिल है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पहले शारीरिक गतिविधि नियमित दिनचर्या का हिस्सा होती थी. उन्होंने कहा, "वास्तव में अब कोई गतिविधि नहीं हो रही है और इसका प्रभाव यह है कि बीमारी तेजी से बढ़ रही है. मेरा निजी तौर पर मानना है कि योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए."
(इनपुट- आईएएनए)
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नायडू ने कहा कि लोगों को अपनी जीवनशैली में सार्थक गतिविधियों का हिस्सा अपनाना होगा. उन्होंने कहा, "हम सूरज की रौशनी में नहीं जा रहे या हम प्रकृति का आनंद नहीं ले रहे हैं." उन्होंने कहा कि लोग विटामिन डी की कमी के लिए चिकित्सकों के पास जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भोजन में भी सूर्य की रोशनी शामिल है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पहले शारीरिक गतिविधि नियमित दिनचर्या का हिस्सा होती थी. उन्होंने कहा, "वास्तव में अब कोई गतिविधि नहीं हो रही है और इसका प्रभाव यह है कि बीमारी तेजी से बढ़ रही है. मेरा निजी तौर पर मानना है कि योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए."
(इनपुट- आईएएनए)
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