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This Article is From May 31, 2022

UPSC: सुसराल वालों की प्रताड़ना, 7 साल की बेटी, अब 177वीं रैंक हासिल कर लिखी जीत की इबारत

शिवांगी ने बताया कि मैं समाज में ऐसी महिलाओं को एक प्रेरणा देना चाहती हूं कि यदि उनके साथ ससुराल में कुछ गलत हो रहा है तो वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं , वह चाहे तो पढ़ लिखकर आईएएस अधिकारी बन सकती है और आज में बहुत खुश हूं कि मेरा उज्जवल भविष्य फिर से सुनहरा हो गया है.

UPSC: सुसराल वालों की प्रताड़ना, 7 साल की बेटी, अब 177वीं रैंक हासिल कर लिखी जीत की इबारत
यूपीएससी में शिवांगी गोयल ने 177वीं रैंक हासिल की
लखनऊ:

यूपी के हापुड़ के पिलखुवा निवासी शिवांगी गोयल ने यूपीएससी की परीक्षा में 177 वीं रैंक हासिल कर अपने जिले का ही नहीं अपने माता-पिता का भी नाम रोशन किया है. शिवांगी के घर बधाई देने वालों में उनके पिता राजेश गोयल भी हैं जिनके घर पर लोगों को तांता लगा हुआ है. शिवांगी अपनी सफलता के लिए श्रेय अपने माता-पिता और अपनी 7 वर्षीय बेटी रैना अग्रवाल को देती हैं. 

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शिवांगी ने बताया कि जब मैं पढ़ती थी तो मेरी प्रिंसिपल ने कहा कि तुम अच्छे से तैयारी करो और आईएएस अधिकारी बनो, लेकिन उसके बाद मेरा एडमिशन दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में हो गया था. मैंने दो बार आईएएस का एग्जाम दिए , जिनमें मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ था. उसके बाद मेरा विवाह हो गया. मेरे  ससुराल में मेरा बहुत उत्पीड़न होने लगा, बहुत डोमेस्टिक वॉयलेंस होने लगा तो  मेरे पापा मम्मी फिर मुझे अपने घर पर वापस ले आए. 

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शिवांगी ने बताया कि मेरे एक छोटी बेटी भी है. साल 2019 में मेरे पापा ने कहा कि बेटी अब जो तुम करना चाहती हो कर लो. मुझे एक बार फिर आईएएस अधिकारी बनने के लिए मन मे प्रेरणा हुई और मैंने दिन रात मेहनत करके 2019 में विवाह के बाद पहला एग्जाम दिया, जिसमें मैं सफल नहीं हो पाई. अब  तीसरे प्रयास में मेरा सिलेक्शन हुआ है, जिसमें मेरी 177 वीं  रैंक  है. मैंने सेल्फ स्टडी की है और मेरा विषय समाजशास्त्र रहा है. अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहती हूं और विशेषकर अपनी बेटी को भी देना चाहती हूं जिसने मुझे आईएएस बनने में पूरा सहयोग दिया है.  मैं समाज में ऐसी महिलाओं को एक प्रेरणा देना चाहती हूं कि यदि उनके साथ ससुराल में कुछ गलत हो रहा है तो वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं , वह चाहे तो पढ़ लिखकर आईएएस अधिकारी बन सकती है और आज में बहुत खुश हूं कि मेरा उज्जवल भविष्य फिर से सुनहरा हो गया है.

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