सिविल सेवा परीक्षा पर बसावन समिति की रिपोर्ट साझा करने से केंद्र का इनकार

सिविल सेवा परीक्षा पर बसावन समिति की रिपोर्ट साझा करने से केंद्र का इनकार

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी)

नयी दिल्ली:

केंद्र ने बसावन समिति की रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया है जिसमें सिविल सेवा परीक्षा पद्धति में बदलाव करने का सुझाव दिया है.

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले साल अगस्त में सिविल सेवा परीक्षा पद्धति की समीक्षा के लिए पूर्व मानव संसाधन विकास सचिव एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी बीएस बसावन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था.

एक आरटीआई अर्जी के जवाब में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने कहा कि बसावन समिति की रिपोर्ट 11 अगस्त 2016 को सरकार को सौंपी दी गयी है.

इसने कहा, ‘‘इस वक्त आपकी जिज्ञासा से जुड़ी कोई सूचना साझा नहीं की जा सकती.’’ दरअसल, डीओपीटी से रिपोर्ट की एक प्रति और इस पर की गई कार्रवाई का ब्योरा देने को कहा गया था.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि कमेटी ने सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए 32 वर्ष की ऊपरी आयु सीमा घटाने की सिफारिश की है.

सूत्रों ने बताया कि बसावन समिति ने परीक्षा की योजना, पेपर (प्रश्न पत्रों) की संख्या, उनका ढांचा और अवधि, अंक देने की योजना, अंकों का भारांश और मूल्यांकन प्रणाली सहित अन्य चीजों की समीक्षा की है. मौजूदा नियमों के मुताबिक इस परीक्षा में शामिल होने के लिए फिलहाल न्यूनतम उम्र सीमा 21 साल और अधिकतम 32 साल है. उपरी आयु सीमा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नियमानुसार छूट प्राप्त है.

यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएएफएस) सहित अन्य सेवाओं के लिए तीन चरणों में परीक्षा लेता है.


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