प्रतीकात्मक चित्र
त्रिपुरा विश्वविद्यालय ज्यादा से ज्यादा विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए कई कदम उठा रहा है. कुलपति अंजन कुमार घोष ने मंगलवार शाम कहा, "बांग्लादेश से बड़ी संख्या में छात्र त्रिपुरा विश्वविद्यालय में दाखिला लेना चाहते हैं. हम ज्यादा से ज्यादा बांग्लादेशी छात्रों को लुभाने के लिए एक बड़ी पहल करेंगे."
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 13 बांग्लादेशी छात्र त्रिपुरा विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश के 20 और छात्र जल्द ही यहां प्रवेश लेंगे. हम इसके अलावा म्यांमार, नेपाल और भूटान के छात्रों को भी प्रवेश देने की कोशिश कर रहे हैं."
घोष ने कहा कि आदिवासी भाषाओं की मानक और लोकप्रियता में सुधार के लिए विश्वविद्यालय ने इन भाषाओं में पोस्ट ग्रेजुएट, डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें कोकबोरोक, मिजो और गारो भाषाएं शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा विश्वविद्यालय में साल 2013 के बाद से ही कुलाधिपति की अनुपस्थिति के कारण दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं किया जा सका है.
इस दौरान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों का विशेष ऑडिट कराने का फैसला किया है, जिसमें त्रिपुरा विश्वविद्यालय भी शामिल है. इसमें वित्तीय, प्रशासनिक और शैक्षणिक मामलों की जांच की जाएगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 13 बांग्लादेशी छात्र त्रिपुरा विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश के 20 और छात्र जल्द ही यहां प्रवेश लेंगे. हम इसके अलावा म्यांमार, नेपाल और भूटान के छात्रों को भी प्रवेश देने की कोशिश कर रहे हैं."
घोष ने कहा कि आदिवासी भाषाओं की मानक और लोकप्रियता में सुधार के लिए विश्वविद्यालय ने इन भाषाओं में पोस्ट ग्रेजुएट, डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें कोकबोरोक, मिजो और गारो भाषाएं शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा विश्वविद्यालय में साल 2013 के बाद से ही कुलाधिपति की अनुपस्थिति के कारण दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं किया जा सका है.
इस दौरान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों का विशेष ऑडिट कराने का फैसला किया है, जिसमें त्रिपुरा विश्वविद्यालय भी शामिल है. इसमें वित्तीय, प्रशासनिक और शैक्षणिक मामलों की जांच की जाएगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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