IIT Roorkee: जानलेवा कोरोनावायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए दुनिया का कोई भी मुल्क अब तक वैक्सीन नहीं बना पाया है. ऐसे में बचाव को ही कोरोना से लड़ने के लिए सबसे बड़ा उपाय बताया जा रहा है. हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी इस वायरस को फैलने से रोकने में मदद कर रहा है. इस बीच आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) के स्टूडेंट्स ने एक हर्बल हैंड सैनिटाइजर तैयार किया है, जिसे Heal-agnostics Innovations Pvt. Ltd. नाम का स्टार्ट-अप फ्री में बांटेगा. इस स्टार्टअप में आईआईटी रुड़की के रिसर्च स्कॉलर भी शामिल हैं, जिन्होंने ये हर्बल हैंड सैनिटाइजर बनाया है. अभी करीब 150 लीटर सैनिटाइजर तैयार किया गया है.
IIT रुड़की के सेंटर ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी के रिसर्च स्कॉलर सिद्धार्थ शर्मा और मेटालर्जिकल एंड मैटेरियल इंजीनियरिंग विभाग के रिसर्च स्कॉलर वैभव जैन ने यह शानदार पहल की है. यह हर्बल हैंड सैनिटाइजर 80 फीसदी Isopropanol से बना है. इसमें इथेनॉल और एंटीबैक्टीरियल, ऐंटिफंगल और इंफ्लामेट्री हर्बल सामग्री शामिल हैं. यह एक मॉइस्चराइज़र के रूप में भी काम करता है.
स्टूडेंट्स ने दावा किया है कि इस सैनिटाइजर को वर्ल्ड हेस्थ ऑर्गेनाइजेश (WHO) और सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मानकों के हिसाब से तैयार किया गया है. खास बात ये है कि अब ये सैनिटाइजर आईआईटी रुड़की कैंपस में फ्री में बांटा जाएगा.
रिसर्च स्कॉलर सिद्धार्थ शर्मा ने कहा, "कोरोनावायरस का खतरा बढ़ रहा है और अब तक इसके लिए कोई वैक्सीन न होने के चलते ये जरूरी है कि बेसिक साफ-सफाई रखी जाए. ऐसे में आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) की तरफ से जो हर्बल सैनिटाइजर बनाया गया है वो कोरोना से बचाव में कारगर साबित होगा."
इस हर्बल सैनिटाइजर की करीब 1500 बोतलें ऑफिस ऑफ डीन SRIC को हैंडओवर कर दी गई हैं. इसके साथ ही आईआईटी रुड़की अब सैनिटाइजर री-फिलिंग स्टेशन बनाने पर भी विचार कर रहा है ताकि कैंपस में ज्यादा से ज्यादा लोग इस सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकें और खुद को कोरोना से महफूज कर सकें
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