पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक बहाली के मामले में प्राइमरी टीचर के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि उसके फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी उम्मीदवार प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे और अब आईटीईपी कोर्स करने वाले उम्मीदवार ही इसके लिए योग्य माने जाएंगे. ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर ये आईटीईपी (ITEP) कोर्स क्या है, कौन कर सकता है यह कोर्स, इसे क्या मान्यता प्राप्त है. तो आइये जानते हैं... बता दें कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने आईटीईपी यानी इंटिग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम को डिजाइन किया है. इस साल मार्च महीने में यह प्रोग्राम देश भर में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 57 टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूशनों में शुरू किया गया है. आईटीईपी, बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड ऑफर करने वाली चार साल की ड्यूल अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है. आने वाले दिनों में आईटीईपी कोर्स के जरिए ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी.
खबरों की मानें तो अगले सत्र से ज्यादातर बीएड कॉलेजों में आईटीईपी कोर्स का विकल्प शुरू हो सकता है. ऐसा देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत किया जा रहा है. देश में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू किया जा रहा है. इसके तहत साल 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय इंटिग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम डिग्री को अनिवार्य किया जाएगा.
12वीं के छात्रों को मिलेगी जेईई और नीट की फ्री-कोचिंग, 10वीं में होने चाहिए 68% मार्क्स
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के तहत बाल वाटिका से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय की गई है. फिलहाल 2023-24 शैक्षणिक सत्र से देश के 41 विश्वविद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट में चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू होगी. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इस परीक्षा का आयोजन करेगा. इस प्रवेश परीक्षा को पास करने वाले उम्मीदवारों को ही आईटीईपी कोर्स में एडमिशन मिलेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं