आज स्वामी विवेकानंद की 116वीं पुण्यतिथि है.
नई दिल्ली:
Swami Vivekananda Death Anniversary: महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद की आज 116वीं पुण्यतिथि है. 4 जुलाई 1902 में स्वामी विवेकानंद ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. स्वामी विवेकानंद को दुनिया भर में युवाओं के लिए एक मिसाल माना जाता है. स्वामी विवेकानंद ने न सिर्फ भारत के उत्थान के लिए काम किया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई. स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के मौके पर हम आपको उनके ऐसे ही 10 विचारों के बारे में बता रहे हैं जो आपके जीवन की दिशा को बदल सकते हैं:
बच्चों की सफलता के लिए बेहद जरूरी हैं स्वामी विवेकानंद के ये प्रमुख विचार
1. खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
2. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हमी हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है.
3. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.
4. किसी की निंदा न करें. अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो जरूर बढाएं. अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हाथ जोड़िए, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिए.
5. जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो. सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं.
6. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है.
7. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते.
जीने की राह बताते हैं स्वामी विवेकानंद के ये प्रमुख विचार...
8. हम जितना ज्यादा बाहर जाएं और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमे बसेंगे.
9. तुम्हें अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना है. कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरू नहीं है.
10. दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
बच्चों की सफलता के लिए बेहद जरूरी हैं स्वामी विवेकानंद के ये प्रमुख विचार
1. खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
2. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हमी हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है.
3. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.
4. किसी की निंदा न करें. अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो जरूर बढाएं. अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हाथ जोड़िए, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिए.
5. जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो. सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं.
6. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है.
7. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते.
जीने की राह बताते हैं स्वामी विवेकानंद के ये प्रमुख विचार...
8. हम जितना ज्यादा बाहर जाएं और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमे बसेंगे.
9. तुम्हें अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना है. कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरू नहीं है.
10. दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
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