
अपने ज्ञान और कौशल से कई देशों की प्रगति में योगदान कर रहे प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं की तारीफ करते हुए गणितज्ञ और ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार ने उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने की सलाह दी।
कुमार ने कुवैत में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में प्रतिभाएं बहुतायत में हैं जो दुनिया में हर जगह अपनी चमक बिखेर रहे हैं। खुद को बेहतर करने के अलावा भारतीय अपने ज्ञान और कौशल से कई देशों की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। लेकिन यह देखना अच्छा होगा कि आप सभी अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें।
कुमार बिहार, झारखंड के लोगों द्वारा 1995 में स्थापित ‘मौर्य कला परिसर’ नामक संगठन की ओर से आयोजित एक भव्य समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि एक समाज जो कुछ भी हमें देता है वह बदले में हमसे कुछ पाने की उम्मीद भी करता है।
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‘सुपर 30’ का उदाहरण देते हुए कुमार ने कहा कि अपने देश और समाज को बेहतर बनाने के लिए यह केवल मौकों की बात है। ‘सुपर 30’ ने समाज के वंचित तबके के अबतक 390 छात्रों को भारत के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान ‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’ (आईआईटी) में दाखिला पाने में मदद पहुंचाई है। उन्होंने कुवैत में रह रहे छात्रों को अपनी जड़ों को बनाए रखने और हर संभव तरीके से इसकी प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
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आनंद कुमार ने कहा, ‘‘घर से दूर रहकर भी घर जैसा एहसास होना एक अच्छा अनुभव है और यह केवल उन लोगों के कारण संभव हो पाया जिन्होंने घर से इतने दूर भी भारतीय परंपराओं को जीवित रखा।’’ ‘सुपर 30’ पटना का एक ऐसा शिक्षण कार्यक्रम है जो हर साल आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े वर्ग के 30 मेधावी और प्रतिभावान छात्रों को आईआईटी के लिए प्रशिक्षण देता है।
कुमार ने कुवैत में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में प्रतिभाएं बहुतायत में हैं जो दुनिया में हर जगह अपनी चमक बिखेर रहे हैं। खुद को बेहतर करने के अलावा भारतीय अपने ज्ञान और कौशल से कई देशों की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। लेकिन यह देखना अच्छा होगा कि आप सभी अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें।
कुमार बिहार, झारखंड के लोगों द्वारा 1995 में स्थापित ‘मौर्य कला परिसर’ नामक संगठन की ओर से आयोजित एक भव्य समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि एक समाज जो कुछ भी हमें देता है वह बदले में हमसे कुछ पाने की उम्मीद भी करता है।
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‘सुपर 30’ का उदाहरण देते हुए कुमार ने कहा कि अपने देश और समाज को बेहतर बनाने के लिए यह केवल मौकों की बात है। ‘सुपर 30’ ने समाज के वंचित तबके के अबतक 390 छात्रों को भारत के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान ‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’ (आईआईटी) में दाखिला पाने में मदद पहुंचाई है। उन्होंने कुवैत में रह रहे छात्रों को अपनी जड़ों को बनाए रखने और हर संभव तरीके से इसकी प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
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आनंद कुमार ने कहा, ‘‘घर से दूर रहकर भी घर जैसा एहसास होना एक अच्छा अनुभव है और यह केवल उन लोगों के कारण संभव हो पाया जिन्होंने घर से इतने दूर भी भारतीय परंपराओं को जीवित रखा।’’ ‘सुपर 30’ पटना का एक ऐसा शिक्षण कार्यक्रम है जो हर साल आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े वर्ग के 30 मेधावी और प्रतिभावान छात्रों को आईआईटी के लिए प्रशिक्षण देता है।
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