दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सेंट स्टीफेंस कॉलेज (St Stephen's College) के स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए आवेदकों के ईसाई अनुसूचित जनजाति (सीएसटी), ईसाई अन्य (सीओटीएच) व ईसाई शारीरिक विकलांग (सीपीएच) श्रेणी के लिए कट-ऑफ मार्क में कथित तौर पर व्यापक विसंगतियां पाई जाने की बात कही गई थी. मुख्य न्यायाधीश डी.एन.पटेल की अध्यक्षता वाली पीठ ने नंदिता नारायण द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. नंदिता नारायण, कॉलेज में प्राध्यापक हैं. इस पीठ में न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर भी शामिल हैं.
नारायण ने अपनी याचिका में दलील दी है कि ईसाई आरक्षण श्रेणी में उम्मीदवारों के लिए शैक्षिक वर्ष 2019-20 में विभिन्न कोर्स में दाखिले के लिए कट-ऑफ मार्क 'कृत्रिम रूप से ज्यादा व अवैध हैं.' याचिका में कहा गया, "सीएसटी, सीपीएच गैर ईसाई एससी/एसटी/पीएच उम्मीदवारों को निर्धारित संख्या में साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के लिए नहीं बुलाकर कटऑफ बहुत उच्च स्तर पर रखा गया था. ये उम्मीदवार सामान्य तौर पर विचार क्षेत्र के तहत आते हैं, क्योंकि ये अनुच्छेद 11 में निर्दिष्ट हैं. "
याचिका में कहा गया, "इन दिशा-निर्देशों के अनुच्छेद 11 में निर्दिष्ट किया गया है कि उम्मीदवारों को साक्षात्कार और लिखित परीक्षा के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या के एक निश्चित अनुपात में बुलाया जाना चाहिए. अनुच्छेद 11 का प्रभाव यह है कि विचार क्षेत्र में सबसे कम अंक पाने वाला उम्मीदवार कट-ऑफ मार्क निर्धारित करता है. इस तरह से अगर साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के लिए बुलाए गए उम्मीदवार निर्धारित अनुपात से कम है तो कट-ऑफ मार्क ज्यादा होगा."
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