प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) का दसवीं कक्षा के स्तर पर पहला दौर होने के बाद संकेत मिला कि अध्ययन के स्तर पर सुधार की जरूरत है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान देश में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के कमजोर स्तर के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी तीसरी, पांचवी, आठवीं और दसवीं कक्षा में बच्चों की सीखने की उपलब्धियों के बारे में समय समय पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण करती है। पांचवी कक्षा के लिए इस सर्वेक्षण के चार दौर और तीसरी तथा आठवीं कक्षा के लिए तीन तीन दौर हो चुके हैं।
स्मृति ने पूरक प्रश्नों के उत्तर में बताया कि सर्वेक्षण के इन दौर से पता चलता है कि विभिन्न विषयों में छात्रों की सीखने की उपलब्धि के स्तर में सुधार हुआ है। लेकिन एनएएस का दसवीं कक्षा के स्तर पर पहला दौर होने के बाद संकेत मिला कि अध्ययन के स्तर पर सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हाल ही में संपन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में सरकारी स्कूलों के प्राचायों’ की एक कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई गई ताकि शिक्षकों के प्रदर्शन के स्तर का पता लगाया जा सके।
तेलंगाना में साक्षरता से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, अविभाजित आंध्रप्रदेश में साक्षरता दर 67.02 फीसदी थी जबकि राष्ट्रीय औसत 72.98 फीसदी था।
उन्होंने बताया कि तेलंगाना के दस जिलों में साक्षारता दर 66.46 फीसदी है जबकि करीमनगर जिले में यह दर 64.15 फीसदी है। साक्षरता दर में में इस कमी के लिए गरीबी, लिंग असमानता और सामाजिक असमानता सहित अन्य कारण जिम्मेदार हैं।
उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी तीसरी, पांचवी, आठवीं और दसवीं कक्षा में बच्चों की सीखने की उपलब्धियों के बारे में समय समय पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण करती है। पांचवी कक्षा के लिए इस सर्वेक्षण के चार दौर और तीसरी तथा आठवीं कक्षा के लिए तीन तीन दौर हो चुके हैं।
स्मृति ने पूरक प्रश्नों के उत्तर में बताया कि सर्वेक्षण के इन दौर से पता चलता है कि विभिन्न विषयों में छात्रों की सीखने की उपलब्धि के स्तर में सुधार हुआ है। लेकिन एनएएस का दसवीं कक्षा के स्तर पर पहला दौर होने के बाद संकेत मिला कि अध्ययन के स्तर पर सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हाल ही में संपन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में सरकारी स्कूलों के प्राचायों’ की एक कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई गई ताकि शिक्षकों के प्रदर्शन के स्तर का पता लगाया जा सके।
तेलंगाना में साक्षरता से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, अविभाजित आंध्रप्रदेश में साक्षरता दर 67.02 फीसदी थी जबकि राष्ट्रीय औसत 72.98 फीसदी था।
उन्होंने बताया कि तेलंगाना के दस जिलों में साक्षारता दर 66.46 फीसदी है जबकि करीमनगर जिले में यह दर 64.15 फीसदी है। साक्षरता दर में में इस कमी के लिए गरीबी, लिंग असमानता और सामाजिक असमानता सहित अन्य कारण जिम्मेदार हैं।
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