नयी दिल्ली:
सचिवों के एक पैनल की अनुशंसा पर अगर अमल किया गया तो योजना और वास्तुकला के सभी विद्यालय और कॉलेज शहरी विकास (यूडी) मंत्रालय के तहत आ जाएंगे.
अभी वास्तुकला अधिनियम, 1972 के मुताबिक ये संस्थान मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के तहत आते हैं.
एक सूत्र ने कहा कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाले सचिवों के पैनल ने अनुशंसा की थी कि इस अधिनियम को एचआरडी मंत्रालय से एम वेंकैया नायडू के नेतृत्व वाले शहरी विकास मंत्रालय में फिर आबंटित किया जाये.
इस कदम से शहरी विकास मंत्रालय देश में वास्तुकला की शिक्षा और व्यवसाय के नियमन के साथ ही वास्तुकारों के पंजीकरण में भी सक्षम होगा.
इस प्रस्ताव के पीछे तर्क है कि मंत्रालय की वास्तुकला के क्षेत्र में विशेषज्ञता है क्योंकि वह शहरी इलाकों में भवन गतिविधियों और योजना को देखता है.
अभी वास्तुकला अधिनियम, 1972 के मुताबिक ये संस्थान मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के तहत आते हैं.
एक सूत्र ने कहा कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाले सचिवों के पैनल ने अनुशंसा की थी कि इस अधिनियम को एचआरडी मंत्रालय से एम वेंकैया नायडू के नेतृत्व वाले शहरी विकास मंत्रालय में फिर आबंटित किया जाये.
इस कदम से शहरी विकास मंत्रालय देश में वास्तुकला की शिक्षा और व्यवसाय के नियमन के साथ ही वास्तुकारों के पंजीकरण में भी सक्षम होगा.
इस प्रस्ताव के पीछे तर्क है कि मंत्रालय की वास्तुकला के क्षेत्र में विशेषज्ञता है क्योंकि वह शहरी इलाकों में भवन गतिविधियों और योजना को देखता है.
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