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11 months ago
नई दिल्ली:

Pariksha Pe Charcha 2024 Highlights: साल के शुरू होते ही तमाम स्टेट बोर्ड की बोर्ड परीक्षाएं 2024 शुरू हो जाती हैं. ये परीक्षाएं ही छात्रों के भविष्य के दशा और दिशा तय करती हैं, इसलिए परीक्षा को लेकर बच्चों के मन में डर, तनाव, भय और ढेर सारी घबराहट होती है, जिसे दूर करने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा हर साल परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. आज यानी 29 जनवरी को नई दिल्ली के भारत मंडपम में सुबह 11 बजे से यह कार्यक्रम शुरू किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तय समय यानी सुबह 11 बजे भारत मंडपम में पहुंच गए और सबसे पहले उन्होंने बच्चों के इवोवेटिव आइडियाज को देखा. फिर भारत मंडपम के मंच पर आएं, जहां उन्होंने देश के लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को परीक्षा के तनाव को कम करने के ढेर सारे टिप्स और सुझाव दिएं. कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने न सिर्फ छात्रों को बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों के लिए सुझाव दिएं.  

Pariksha Pe Charcha 2024: PM मोदी आज करेंगे परीक्षा पे चर्चा, स्टूडेंट को देंगे एग्जाम टिप्स

परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी 2024) के सातवें संस्करण में पीएम मोदी बोर्ड परीक्षा के छात्रों के साथ बातचीत करेंगे. इसे लेकर प्रधानमंत्री ने पोस्ट भी किया है. उन्होंने कहा, "कल सुबह 11 बजे 'परीक्षा पे चर्चा' के लिए आप सभी से मिलने का इंतजार है!" 

Pariksha Pe Charcha 2024: दो करोड़ 26 लाख से ज्यादा छात्रों ने किया रजिस्ट्रेशन, 29 जनवरी को होगी परीक्षा पे चर्चा

पीपीसी 2024 यानी परीक्षा पे चर्चा के लिए 2.26 करोड़ से अधिक छात्रों, 14.93 लाख से अधिक शिक्षक और 5.69 लाख से अधिक अभिभावकों ने पंजीकरण कराया है. इस कार्यक्रम में सभी राज्यों और केंद्र प्रशासित प्रदेशों के बच्चे शामिल हो रहे हैं. यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, प्रधान मंत्री कार्यालय, पीआईबी सहित अन्य के सोशल मीडिया पेजों पर टेलीकास्ट किया जाएगा. यू-ट्यूब, एक्स और फेसबुक पर भी इसे लाइव देखा जा सकेगा. 

प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे ‘परीक्षा पे चर्चा', एक करोड़ से ज्‍यादा लोगों ने कराया पंजीकरण

Pariksha Pe Charcha 2024 Highlights:

PPC 2024: पीएम मोदी ने बच्चों को दी शुभकामनाएं

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का समापन हो गया है. कार्यक्रम खत्म करते हुए मोदी जी ने बच्चों को उनके परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं दीं.
PM Modi: आप भी प्रधानमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं क्या

तमिलनाडु के एक छात्र और उत्तराखंड की गुरुकुल एकेडमिक की एक छात्रा ने पूछा कि हम आपके जैसे सकारात्म कैसे हो सकते हैं. आप यह सब कैसे कर पाते हैं. 

इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि क्या आप भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हो, तैयारी कर रहे हो क्या. मुझे खुशी है कि आप प्रधानमंत्री के तनाव को समझते हैं, नहीं तो लोगों को लगता है कि इन्हें क्या है, हेलीकॉप्टर है, लोग हैं, जहां जाना चाहे, वहां चले जाते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. 

मैं हर परिस्थियों के लिए तैयार रहता हूं. मैं मानता हूं कि कुछ भी है तो 140 करोड़ लोग मेरे साथ हैं. अगर लाखों -करोड़ समस्याएं हैं तो बिलियन और मिलियन समाधान है. मैं जानता हूं कि गलतियां हुईं तो गलियां मुझे खानी होगी. 

हिन्दुस्तान की हर सरकार को गरीबी से जुझना पड़ता है. सरकार होती कौन है कि जो गरीबी हटाएगी. जब एक गरीब सोचेगा कि उसे गरीबी में नहीं रहना है तब गरीबी हटेगी. इसलिए मैंने उनके लिए पानी, सड़क आदि उनकी जरूरतों को पूरा किया. 

मैं जिनके लिए करता हूं, उन्हें मुझपर अपार भरोसा है. आप कौन सा काम कर रहे हैं कौन सा काम ज्यादा जरूरी है, उसकी प्राथमिकता तय करती हूं. अपनी गलतियों से सीखता हूं. 

कोविड-19 के दिनों में मैं रोज लोगों के सामने आता, कभी थाली बनाने को बोलता, कभी ताली बनाने को बोलता. ताकि लोगों की हिम्मत मिले कोरोना बीमारी से लड़ने की. 

मैं काफी पॉजिटिव हूं. मैं रोता नहीं हूं, कभी हारता नहीं, इसलिए मैं मानता हूं कि जीवन में लक्ष्य के प्रति सचेत रहें. मेरा क्या मेरा कौन, मुझे इन बातों से कोई लेना देना नहीं है. बुरी से बुरी चीजों में पॉजिटिव देखना चाहिए. 

PPC 2024: अति सर्वत्र वर्जेत
झारखंड की एक अभिभावक ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या आपको नहीं लगता है आजकल बच्चे अपने दिमाग का कम इस्तेमाल करते हैं, वे टेक्नोलॉजी के गुलाम हो रहे हैं. 

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी भी चीज की अति नहीं करनी चाहिए. चाहें आपकी मां ने आपका फेवरेट खाना ही क्यों न बनाया हो. ज्यादा खाने से उल्टी हो सकती है. इसलिए बच्चों को खुद पर लगाम लगाना होना, टेक्नोलॉजी भी ऐसे ही है. टेक्नोलॉजी का कैसे इस्तेमाल करना है, इसका विवेक होना चाहिए. आज हर माता-पिता की चिंता का यह विषय है. 

इसपर रोक लगाने के लिए घर में डिसिप्लिन होना चाहिए. डाइनिंग टेबल पर फोन बैन करें. घर में ही नो मोबाइल जोन बनाएं कि घर में इस समय कोई फोन नहीं देखेगा. अगर आप फोन देख भी रहे हैं तो रील नहीं देखें आप मोबाइल पर मैथ के प्रश्नों को हल करने के तरीके देखें, पढ़ने की लेटेस्ट चीजों को देखें. 

टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करें. मोबाइल की ताकत को पहचानें. क्लास रूम में भी मोबाइल के पॉजिटिव  चीजों की चर्चा होनी चाहिए. साथ ही पारदर्शिता लानी होगी. 

PM Modi interaction with students: माता-पिता को खुद पर कैसे विश्वास दिलाएं

हम माता-पिता को कैसे विश्वास दिलाएं कि हम मेहनत कर रहे हैं. इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि यह सोचना का विषय है कि हम पारिवारिक जीवन में विश्वास की कमी महसूस करते हैं तो चिंता का विषय है, लेकिन यह एक दिन में नहीं होता है. इसलिए माता-पिता को, स्टूडेंट को शिक्षक को इसपर विचार करना चाहिए. इसपर सोचना होगा कि आप जो कहते हैं, वो करते हैं. अगर आप बोलते हैं कि मैं पढ़ाई करूंगा, लेकिन आप सो रहे हैं तो मां ने देख लिखा. ऐसे में मां आप पर विश्वास नहीं करेगी. 

जैसे आपने बच्चे को 100 रुपये दिया और रोज उस 100 रुपये के बार में पूछते हैं, यह ठीक नहीं है. अगर आपको बच्चे पर विश्ववास नहीं है तो उसे पैसे न दें. ऐसा ही पढ़ाई के साथ भी होता है. नंबर कम आने पर माता-पिता कहने लगते हैं कि पढ़ते नहीं होगे, स्कूल में बात करते होगे. खेलते होगे. विश्वास की कमी से माता-पिता और बच्चों को बीच दूरी बढ़ जाती है और इस दूरी के चलते Depression में चले जाते हैं. 

बच्चों का इसका चिंतन करना चाहिए कि मैंने ऐसा क्या किया जिससे माता-पिता या शिक्षक का भरोसा मुझे उठा है. फिर उसे दूर करने की कोशिश करें.

Pariksha pe charcha in delhi: 30 सेकेंड लगता ही डीप स्लिप में जानें में

इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि आपके पास मेरे जितना काम नहीं है लेकिन आपको बता दूं कि 365 दिन अगर मैं लेटा नहीं तो मुझे 30 सेकेंड लगता है डीप स्लिप में जानें में. क्योंकि मेरा जागृत अवस्था है उसमें मैं पूरी तरह जागा हूं और जब सोया हूं तो पूरी तरह सोया हूं. संतुलित आहार और बच्चों के लिए संतुलित आहार जरूरी है. एक चीज पसंद है तो कभी आपका मन भर जाता है तो कभी आपका पेट भर जाता है. संतुलित आहार का माता-पिता को भी ध्यान में रखना चाहिए. इसका यह मतलब नहीं कि महंगी  चीजें वाली डाइट लें. साधारण खान-पान में भी पौष्टिक आहार लिया जा सकता है. बच्चों को परीक्षा के समय भी 5 से 10 मिनट का व्यायाम किया जा सकता है. सब संतुलित करें इसका आपको फायदा होगा. 
Exam 2024: परीक्षा की तैयारी और स्वस्थ्य जीवनशैली के बीच कैसे संतुलन बनाएं

राजस्थान के कक्षा 12वीं के एक स्टूडेंट धीरज ने पीएम मोदी से पूछा कि व्यायाम के साथ परीक्षा को कैसे मैनेज करें. इस सवाल के जवाब पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपका शरीर देखकर लगता है कि आपने सही सवाल पूछा है. 

मोदी जीन ने कहा कि आप सबको घंटे फोन की आदत होगी. आप रोज फोन को चार्ज में लगाते हैं, बातचीत करने के लिए ठीक वैसे ही शरीर को भी रीचार्जिंग की जरूरत होती है. इसलिए एग्जाम के साथ व्यायाम जरूरी है. अगर हम स्वस्थ्य ही नहीं रहेंगे तो एग्जाम हॉल में कैसे बैठे रहेंगे. स्वस्थ्य शरीर का मतलब यह नहीं कि आपको पहलवानी करनी है. कभी-कभी शरीर को रीचार्ज करने के लिए सनलाइड में बैठें. 

पढ़ाई जरूरी है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप सोने के समय सोएं नहीं. और एक रील के बाद एक रील देखते गएं, लेकिन थकते नहीं. आधुनिक साइंस नींद के महत्व को समझता है, वह नींद को जरूरी मानता है, कम नींद शरीर के लिए जरूरी. लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं कि आप यहां से जाएं और घर जाकर सो जाएं और मां को कहें कि मोदी जी ने कहा कि सो जाना.
एग्जाम हॉल के स्केयरी माहौल से कैसे बचें

त्रिपुरा की एक छात्रा ने सवाल किया है परीक्षा के अंतिम क्षणों में मैं घबरा जाती हैं और गलतियां कर देती हैं, ऐसे में मैं क्या करूं, ऐसे ही सवाल को लेकर छत्तीसगढ़ के जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र और कटक के राज्यलक्ष्मी आचार्य जो भारत मंडपम हॉल में उपस्थित हैं, उन्होंने सवाल किया कि एग्जाम हॉल में सबकुछ बहुत स्केयरी होता है, इससे कैसे उबरें. 

इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों को परीक्षा वाले दिन नया कपड़ा पहना देते हैं, नया पेन देते हैं, शगुन करके भेजते हैं, ऐसे में मैं माता-पिता को सुझाव है कि वह बच्चे को मस्ती में जीने दें. जैसा रोज जाता है, उसे वैसे ही जाने दें. एग्जाम हॉल में आराम से जाएं. आराम से बैठें और पिछली बातों को याद कर हंसे, लंबी सांस लें, अगर कोई दोस्त दिखें तो हंसी-मजाक करें. 

फिर जब एग्जाम शुरू हो तो क्यूश्न पेपर को हाथ में लेकर कमरे में लगे सीसीटीवी को न देखें, ना ही इस बात पर कि क्यूश्चन पेपर आपको सबसे अंत में मिला है तो आपको कम समय मिलेगा. ऐसा नहीं है, परीक्षा हॉल में अर्जुन की तरह केवल मछली की आंख देखें, मछली को नहीं. 

क्यूश्चन पेपर मिले तो सबसे पहले क्यूश्चन पेपर को ध्यान से पढ़ें और जो क्यूश्चन सबसे अच्छे से याद है, उसे पहले लिखें. आजकल हर कोई मोबाइल, लैबटॉप का इस्तेमाल करते हैं, लोगों की लिखने की आदत खत्म हो गई है, इसलिए एग्जाम हॉल में परीक्षा भारी लगने लगती है. इसलिए रोज लिखने की आदत डालें. टाइम मैनेजमेंट करें और खुद नोटिस करें कि इस सवाल का जवाब आप लिख सकते हैं या नहीं. अपनी आदत को ऐसे ही डेवलप करें तो एग्जाम हॉल में टेंशन कम होगी. किताब से पढ़ कर तैरना नहीं सीखा जा सकता, तैरने के लिए पानी में उतरना होता है.



Pariksha pe charcha 2024: शिक्षकों ने किया पीएम से सवाल
आंध्र प्रदेश के एक शिक्षक संपत राव, असम के शिव सागर स्थित बंटी मेधी ने पूछा कि बच्चों के परीक्षा के तनाव को कैसे कम करें और किसी स्टूडेंट को कैसे मोटिवेट करें. शिक्षकों की भूमिका को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि एक टीचर के मन में यह सवाल आता है कि मैं स्टूडेंट के तनाव को कैसे कम करूं तो. मुझे लगता है एक टीचर का स्टूडेंट के साथ रिलेशन करेक्ट करना चाहिए. एक टीचर को क्लास के पहले दिन से स्टूडेंट का मार्गदर्शन करना चाहिए. ऐसा करने से तनाव का दिन आयेगा ही नहीं. 

आज फोन, Whats app  का जमाना है, क्या आपको किसी स्टूडेंट ने आपसे सवाल किया है, मुझे लगता है कि नहीं किया होगा. क्योंकि एक स्टूडेंट को लगता है कि उसका एक शिक्षक से रिश्ता केवल एक विषय का है. अगर आप एक शिक्षक होकर इस रिश्ते से आगे जाएंगे, तभी बच्चा आपको परेशानियां बता सकेगा.
PPC 2024: दोस्ती लेन-देन का खेल नहीं

दोस्ती लेन-देन का खेल नहीं होता है. अपने दोस्त से हमेशा सीखने का प्रयास करना चाहिए. दोस्त से स्कूल के बाद भी होते हैं. 
Pariksha pe charcha 2024:कॉम्पिटिशन खुद से करें

कॉम्पिटिशन हमेशा खुद से करो. अपने से कॉम्पिटिशन होना चाहिए. ईर्ष्या भाव नहीं होना चाहिए. माता-पिता को ऐसा करने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने देखा है कि जो माता-पिता खुद सफल नहीं हुए वे अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड बना देते हैं. 

एक दोस्त को अपने दोस्त से नॉलेज शेयर करना चाहिए. अपने दोस्तों से स्पर्धाभाव में स्टूडेंट न डूबें. मैने देखा है एक दोस्त दूसरे दोस्त के नंबर लाने पर वह मिठाई बांटता है. 
प्रतिस्पर्धा पर मोदी सर का जवाब
गुजरात से दृष्टि और केरल की स्वाति दिलीप सहित एक अभिभावक के पीएम मोदी से सवाल किया कि परीक्षा के कारण बच्चे अपने दोस्तों से प्रतिस्पर्धा करने लगे थे, क्या ऐसा करना ठीक है. इस सवाल के जवाब में मोदी सर ने कहा, अगर जीवन में चुनौतियां न हो तो जीवन प्रेरणाहीन बन जाएगा. कॉम्पिटिशन होना ही चाहिए. यह सवाल मेरे सामने पहली बार आया है. घर में भी माता-पिता कभी एक बच्चे के लिए अच्छा बोलेंगे तो दूसरे के लिए बुरा. एक तरह का विकृत स्पर्द्धा का भाव घर में ही बो दिया जाता है. प्रधानमंत्री ने माता-पिता को सुझाव दिया है कि वे ऐसा करने से बचें.

परीक्षा को लेकर कभी मां कमेंट्री करती है कि पढ़ों-पढ़ों. जब मां थक जाती है तो पिता शुरू हो जाते हैं और जब पिता चुप हो जाते हैं तो घर का बड़ा भाई या बहन शुरू हो जाते हैं. जब कोई नहीं बोलता तो स्कूल में टीचर शुरू हो जाते हैं. लेकिन हमें इस प्रेशर को हेंडल करना होगा.
PM Narendra Modi: मोदी ने कहा

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की स्वागत गीत के बाद पीएम मोदी ने जब मंच संभाला तो बच्चे की तालियों से हॉल गूंज उठा. उन्होंने कहा कि तनाव और प्रेशर को कम करने के लिए खुद को तैयार रखें. क्योंकि मन को तैयार करना जरूरी है. रात को जगना है, सुबह 4 बजे उठना है, मुझे लगता है कि हमें इतना स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए. 
PPC 2024: धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पीएम मोदी का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि परीक्षा से डरना नहीं है. पीएम मोदी कहते हैं कि परीक्षा की परीक्षा ले डालो. ताकि 2024 में विकसित भारत बन सके.
परीक्षा पे चर्चा 2024
प्रधानमंत्री मोदी भारत मंडपम में पंहुच चुके हैं. 
परीक्षा पे चर्चा में पहुंचे पीएम मोदी

परीक्षा पे चर्चा के सातवें संस्करण में भाग लेने के लिए पीएम मोदी भारत मंडपम में पहुंच चुके हैं. जल्द ही पीएम मोदी की क्लास शुरू होने वाली है.
परीक्षा पे चर्चा 2024: भारत मंडपम में स्टूडेंट


नई दिल्ली के भारत मंडपम हॉल में स्टूडेंट ने अपनी जगह ले ली है और अब प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार हो रहा है. सभी छात्र तालियों से पीएम मोदी के आने का इंतजार कर रहे हैं.
Pariksha Pe Charcha 2024 Live: परीक्षा पे चर्चा थोड़ी ही देर में शुरू

परीक्षा पे चर्चा की घड़ियां खत्म हो चुकी हैं. बस कुछ ही देर में प्रधानमंत्री मोदी परीक्षा पे चर्चा 2024 कार्यक्रम में भाग लेंगे. 

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