धर्मशाला:
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा इस साल कराए गए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में कला के केवल 6.16 प्रतिशत प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) ही उत्तीर्ण हुए।
बोर्ड के सचिव डॉ विशाल शर्मा ने आज एक बयान में कहा कि इस साल फरवरी में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा करायी गयी परीक्षा में शामिल हुए 34,546 शिक्षकों में से केवल 2,129 शिक्षक ही उत्तीर्ण हुए।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में मेडिकल विषय पढ़ाने वाले टीजीटी के उत्तीर्णता का प्रतिशत भी काफी खराब है। 4,993 में से केवल 461 उत्तीर्ण हुए और यह प्रतिशत केवल 9.23 है।
बयान के अनुसार जूनियर बेसिक ट्रेंड टीचर्स (टीबीटी) की उत्तीर्णता का प्रतिशत 61.45, शास्त्री शिक्षकों का 50.56, टीजीटी (गैर मेडिकल) का 36.36 और भाषा शिक्षकों का 36.40 है।
हिमाचल प्रदेश में सरकारी संस्थानों में शिक्षकों की नौकरी हासिल करने के लिए टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है।
बोर्ड के सचिव डॉ विशाल शर्मा ने आज एक बयान में कहा कि इस साल फरवरी में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा करायी गयी परीक्षा में शामिल हुए 34,546 शिक्षकों में से केवल 2,129 शिक्षक ही उत्तीर्ण हुए।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में मेडिकल विषय पढ़ाने वाले टीजीटी के उत्तीर्णता का प्रतिशत भी काफी खराब है। 4,993 में से केवल 461 उत्तीर्ण हुए और यह प्रतिशत केवल 9.23 है।
बयान के अनुसार जूनियर बेसिक ट्रेंड टीचर्स (टीबीटी) की उत्तीर्णता का प्रतिशत 61.45, शास्त्री शिक्षकों का 50.56, टीजीटी (गैर मेडिकल) का 36.36 और भाषा शिक्षकों का 36.40 है।
हिमाचल प्रदेश में सरकारी संस्थानों में शिक्षकों की नौकरी हासिल करने के लिए टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है।
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