Delhi schools News: नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल्स कान्फ्रेंस (एनपीएससी) ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर कहा है कि स्कूलों में ‘हाइब्रिड' शिक्षा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में एक बाधा है और जल्द से जल्द स्कूलों को बिना शर्त फिर से खोलने की मांग की है. दिल्ली में 120 से अधिक निजी स्कूल एनपीएससी के सदस्य हैं. एनपीएससी अध्यक्ष सुधा आचार्य ने पत्र में कहा, ‘‘कोविड संक्रमण ने स्कूल बंद होने की लंबी अवधि के कारण छात्रों के कौशल और दक्षताओं को काफी प्रभावित किया है. पढ़ना और लिखना सीखने के प्राथमिक वर्षों में मूलभूत कौशल हैं. जिससे हमारे छात्र पिछले दो वर्षों से वंचित हैं जो कि दुख की बात है. समग्र विकास के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करना समय की आवश्यकता है और स्कूल इसे बनाने के लिए आदर्श स्थान हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘ऑनलाइन मोड और सामान्य स्कूल दोनों के साथ चलना न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में एक बाधा है, बल्कि शिक्षण बिरादरी पर एक बोझ भी है. ये शिक्षा को समावेशी बनाने के हमारे दृष्टिकोण से किसी ना किसी तरह से समझौता कर रहा है.''
ये भी पढ़ें: दिल्ली के स्कूलों में पूर्ण उपस्थिति होने पर ही होगी मिड डे मिल की शुरुआत, अधिकारी ने दी जानकारी
आचार्य आईटीएल पब्लिक स्कूल, द्वारका की प्राचार्य भी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि कृपया पूर्ण शिक्षा के लिए स्कूलों को बिना शर्त फिर से खोलने की व्यवस्था करें. एक बार जब बच्चे स्कूल वापस आ जाते हैं, तो हम प्रगति पर भी अच्छी तरह से नजर रख सकते हैं.''
लंबे समय तक बंद रहने के बाद, दिल्ली में स्कूल 7 फरवरी को कक्षा 9 से 12 के लिए फिर से खुल गए, जबकि नर्सरी से 8 तक की कक्षाएं 18 फरवरी से फिर से खुल गईं क्योंकि वायरस से प्रेरित प्रतिबंधों में ढील दी गई थी.
केंद्र ने अपने दिशानिर्देशों से छात्रों को कक्षाओं में आफलाइन तरीके से शामिल होने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य करने वाले हिस्से को हटा दिया है, दिल्ली सरकार ने इसे जारी रखने का फैसला किया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं