नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी गई है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union minister Prakash Javadekar) ने बीते दिन बताया कि कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है. नई शिक्षा नीति पर मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा कि नई शिक्षा नीति से देश की शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन होगा और सीखने के प्रत्येक स्तर में सुधार होगा. स्मृति ईरानी ने यह रेखांकित किया कि कैसे पिछली सरकार में मंत्री रहते हुए 2015 में वह नई शिक्षा नीति से जुड़ी व्यापक प्रक्रिया का हिस्सा रही थीं. उन्होंने ट्वीट किया है, ‘‘नई शिक्षा नीति 2020 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा किए गए वयापक मंथन-प्रक्रिया का फल है. 2015 में शुरू हुई उस वृहद प्रक्रिया का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रयासों को सफल बनाने के लिए प्रकाश जावड़ेकर और रमेश पोखरियाल निशंक की शुक्रगुजार हूं.''
#NEP2020 is outcome of the most exhaustive consultations carried out by GOI under PM @narendramodi Ji's leadership. Honoured to be part of the extensive exercise initiated in 2015 and thankful to @PrakashJavdekar Ji & @DrRPNishank Ji for supplementing the efforts of @HRDMinistry.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) July 29, 2020
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) का नाम पहले शिक्षा मंत्रालय ही होता था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बदलकर इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ सहयोगी संगठनों की मांग थी कि नाम वापस शिक्षा मंत्रालय रखा जाए. नई शिक्षा नीति बनाने वाली कमेटी ने भी MHRD की जगह मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (MoE) यानी शिक्षा मंत्रालय नाम करने का प्रस्ताव दिया था. पहली शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी, जिसके बाद 1992 में इसमें बदलाव किया गया था. अब एक बार फिर नई नीति लागू कर दी गई है.
Grateful to PM @narendramodi Ji & Cabinet for approving National Education Policy 2020 - a transformative restructuring of Education in India encompassing every stage of learning from early education to higher education with greater emphasis on technology & digitisation. #NEP2020
— Smriti Z Irani (@smritiirani) July 29, 2020
नई शिक्षा नीति में घरेलू भाषा पर जोर
नई शिक्षा नीति में घरेलू भाषा या स्थानीय भाषा पर भी जोर दिया गया है. नई नीति के अध्याय 4 में बताया गया है कि कम से कम क्लास 5 तक की पढ़ाई का माध्यम घरेलू भाषा/मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा होगा. यानी क्लास 5 तक स्कूल में पढ़ाई का मीडिया स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा होगी. इसके अलावा नई नीति में ये भी कहा गया है कि क्लास 5 के बाद क्लास 8 तक या उससे आगे भी रीजनल लैंग्वेज का यही फॉर्मूला लागू किया जाएगा.
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