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This Article is From Jul 30, 2020

स्मृति ईरानी ने नई शिक्षा नीति का किया स्वागत, कहा- इससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन होगा

नई शिक्षा नीति पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा कि नई शिक्षा नीति से देश की शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन होगा और सीखने के प्रत्येक स्तर में सुधार होगा.

स्मृति ईरानी ने नई शिक्षा नीति का किया स्वागत, कहा- इससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन होगा
स्मृति ईरानी ने नई शिक्षा नीति का स्वागत किया है.

नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी गई है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union minister Prakash Javadekar) ने बीते दिन बताया कि कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है. नई शिक्षा नीति पर मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा कि नई शिक्षा नीति से देश की शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन होगा और सीखने के प्रत्येक स्तर में सुधार होगा. स्मृति ईरानी ने यह रेखांकित किया कि कैसे पिछली सरकार में मंत्री रहते हुए 2015 में वह नई शिक्षा नीति से जुड़ी व्यापक प्रक्रिया का हिस्सा रही थीं. उन्होंने ट्वीट किया है, ‘‘नई शिक्षा नीति 2020 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा किए गए वयापक मंथन-प्रक्रिया का फल है. 2015 में शुरू हुई उस वृहद प्रक्रिया का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रयासों को सफल बनाने के लिए प्रकाश जावड़ेकर और रमेश पोखरियाल निशंक की शुक्रगुजार हूं.'' 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) का नाम पहले शिक्षा मंत्रालय ही होता था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बदलकर इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया था. राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ सहयोगी संगठनों की मांग थी कि नाम वापस शिक्षा मंत्रालय रखा जाए. नई शिक्षा नीति बनाने वाली कमेटी ने भी MHRD की जगह मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (MoE) यानी शिक्षा मंत्रालय नाम करने का प्रस्ताव दिया था. पहली शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी, जिसके बाद 1992 में इसमें बदलाव किया गया था. अब एक बार फिर नई नीति लागू कर दी गई है.  

नई शिक्षा नीति में घरेलू भाषा पर जोर
नई शिक्षा नीति में घरेलू भाषा या स्थानीय भाषा पर भी जोर दिया गया है. नई नीति के अध्याय 4 में बताया गया है कि कम से कम क्लास 5 तक की पढ़ाई का माध्यम घरेलू भाषा/मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा होगा. यानी क्लास 5 तक स्कूल में पढ़ाई का मीडिया स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा होगी. इसके अलावा नई नीति में ये भी कहा गया है कि क्लास 5 के बाद क्लास 8 तक या उससे आगे भी रीजनल लैंग्वेज का यही फॉर्मूला लागू किया जाएगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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