CBSE ने नीट नतीजों पर से रोक हटाने की मांग की
मदुरै:
सीबीएसई ने बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय में इस बात से इंकार किया कि एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट 2017 के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के प्रश्नपत्र अंग्रेजी के प्रश्नपत्रों के मुकाबले सरल थे.
परीक्षा में कथित असमानता का हवाला देते हुए हाल में हुई नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर जवाबी हलफनामे में सीबीएसई ने इस बात को खारिज किया कि गुजराती जैसे क्षेत्रीय भाषाओं के प्रश्नपत्र अंग्रेजी की तुलना में आसान थे.
याचिकाओं पर अंतरिम आदेश में न्यायमूर्ति एम वी मुरलीधरन ने 24 मई को नीट नतीजों के प्रकाशन पर रोक लगाई थी और एमसीआई, सीबीएसई निदेशक और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जवाबी हलफनामे देने का निर्देश दिया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
परीक्षा में कथित असमानता का हवाला देते हुए हाल में हुई नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर जवाबी हलफनामे में सीबीएसई ने इस बात को खारिज किया कि गुजराती जैसे क्षेत्रीय भाषाओं के प्रश्नपत्र अंग्रेजी की तुलना में आसान थे.
याचिकाओं पर अंतरिम आदेश में न्यायमूर्ति एम वी मुरलीधरन ने 24 मई को नीट नतीजों के प्रकाशन पर रोक लगाई थी और एमसीआई, सीबीएसई निदेशक और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जवाबी हलफनामे देने का निर्देश दिया था.
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