उत्तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड ने बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है. अब राज्य के छात्रों के लिए अगले सेशन से पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पर आधारित होगा. शासन स्तर पर इस बारे में सहमति बन जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग इस दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है.
पढ़ाई जाएंगी एनसीईआरटी की किताबें
पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ अब यह भी साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबे पढ़ाई जाएंगी और उनका सिलेबस भी एनसीईआरटी आधारित होगा.
किसी भी विषय में दो की जगह होगा एक पेपर
प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को लागू करने का एक परिणाम यह होगा कि इंटरमीडिएट स्तर पर किसी एक विषय में दो की बजाय सिर्फ एक प्रश्नपत्र होगा. इससे परीक्षाएं भी जल्दी खत्म हो जाएंगी और रिजल्ट जारी करने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा.
क्यों बदला गया सिलेबस
यूपी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि एससीईआरटी आधारित सिलेबस अपनाने के पीछे मकसद है कि राज्य के स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सक्षम बनाया जा सके. इसके साथ ही अगर छात्र पढ़ाई के दौरान उत्तर प्रदेश छोड़कर किसी अन्य राज्य में जाता है तो उसको पढ़ाई का नुकसान ना हो. क्योंकि एनसीईआरटी पैटर्न पर चलने वाले स्कूल दूसरे राज्यों में भी हैं.
अगले सेशन से होंगे ये भी बदलाव
यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में सिलेबस के अलावा कई अन्य बदलाव भी किए गए हैं. नए सत्र से स्टूडेंट्स को रेगुलर योगाभ्यास कराया जाएगा. इसके अलावा हर हफ्ते में एक पीरियड वाद-विवाद और निबंधन लेखन का होगा.
स्टूडेंट्स के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर खासा जोर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास पर खासा जोर देते हुए स्कूलों में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक आयोजनों पर विशेष बल दिया था. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग अगले सत्र के खाका तैयार कर रहा है. इसमें हर हफ्ते में एक पीरियड वाद-विवाद और निबंधन लेखन का होगा.
स्टूडेंट्स को फिट बनाने के लिए कराया जाएगा योग
उत्तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड ने स्टूडेंट्स को फिट रखने के लिए स्कूलों में विद्यार्थियों को नियमित योगाभ्यास कराया जाएगा. मंशा है कि विद्यालयों में सुबह प्रार्थनासभा के बाद योगाभ्यास कराया जाए और इसके बाद कक्षाएं शुरू होंगी. इसके लिए राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को योग का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को दो महीने का योग प्रशिक्षण दिलाने का प्रस्ताव मंजूर हो गया है.
पढ़ाई जाएंगी एनसीईआरटी की किताबें
पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ अब यह भी साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबे पढ़ाई जाएंगी और उनका सिलेबस भी एनसीईआरटी आधारित होगा.
किसी भी विषय में दो की जगह होगा एक पेपर
प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को लागू करने का एक परिणाम यह होगा कि इंटरमीडिएट स्तर पर किसी एक विषय में दो की बजाय सिर्फ एक प्रश्नपत्र होगा. इससे परीक्षाएं भी जल्दी खत्म हो जाएंगी और रिजल्ट जारी करने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा.
क्यों बदला गया सिलेबस
यूपी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि एससीईआरटी आधारित सिलेबस अपनाने के पीछे मकसद है कि राज्य के स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सक्षम बनाया जा सके. इसके साथ ही अगर छात्र पढ़ाई के दौरान उत्तर प्रदेश छोड़कर किसी अन्य राज्य में जाता है तो उसको पढ़ाई का नुकसान ना हो. क्योंकि एनसीईआरटी पैटर्न पर चलने वाले स्कूल दूसरे राज्यों में भी हैं.
अगले सेशन से होंगे ये भी बदलाव
यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में सिलेबस के अलावा कई अन्य बदलाव भी किए गए हैं. नए सत्र से स्टूडेंट्स को रेगुलर योगाभ्यास कराया जाएगा. इसके अलावा हर हफ्ते में एक पीरियड वाद-विवाद और निबंधन लेखन का होगा.
स्टूडेंट्स के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर खासा जोर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास पर खासा जोर देते हुए स्कूलों में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक आयोजनों पर विशेष बल दिया था. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग अगले सत्र के खाका तैयार कर रहा है. इसमें हर हफ्ते में एक पीरियड वाद-विवाद और निबंधन लेखन का होगा.
स्टूडेंट्स को फिट बनाने के लिए कराया जाएगा योग
उत्तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड ने स्टूडेंट्स को फिट रखने के लिए स्कूलों में विद्यार्थियों को नियमित योगाभ्यास कराया जाएगा. मंशा है कि विद्यालयों में सुबह प्रार्थनासभा के बाद योगाभ्यास कराया जाए और इसके बाद कक्षाएं शुरू होंगी. इसके लिए राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को योग का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को दो महीने का योग प्रशिक्षण दिलाने का प्रस्ताव मंजूर हो गया है.
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