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This Article is From Dec 11, 2016

अब ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन होगी NATA परीक्षा

अब ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन होगी NATA परीक्षा
नयी दिल्ली: भारतीय वास्तुकला परिषद ने वास्तुकला से संबंधित बी-आर्क पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ऑनलाइन परीक्षा को खत्म कर अब इसे ऑफलाइन आयोजित करने का फैसला किया है.

परिषद के अध्यक्ष बिस्वरंजन नायक ने बताया कि वास्तुकला में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नाटा) को विभिन्न कारणों के चलते ऑफलाइन आयोजित करने का फैसला किया गया है जो अधिक सुविधाजनक होगी.

यह पूछे जाने पर कि कंप्यूटरीकरण पर सरकार के जोर के बीच जब विभिन्न विभाग खुद की प्रणाली तथा प्रवेश परीक्षाओं को ऑनलाइन करने का प्रयास कर रहे हैं तो तो ऐसे में नाटा परीक्षा को ऑफलाइन करने का क्या औचित्य है, नायक ने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा में कई तरह की व्यावहारिक दिक्कतें आ रही थीं.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से यह परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जा रही थी, लेकिन इसमें काफी समय लगता था. ऑनलाइन परीक्षा अप्रैल से अगस्त तक पांच महीने चलती थी जो एक भारी भरकम कवायद थी.

नायक ने कहा कि पांच महीने तक चलने वाली ऑनलाइन परीक्षा में प्रश्नों की पुनरावृत्ति होने की संभावना भी रहती थी तथा और भी कई दिक्कतें थीं.

उन्होंने बताया कि विभिन्न सुझावों तथा पूर्व में नाटा के आयोजन में होने वाली त्रुटियों को ध्यान में रखते हुए इसे पूरे भारत में एक ही दिन ऑफलाइन (पेन, पेंसिल आधारित) आयोजित करने का फैसला किया गया है.

नायक ने बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2017-2018 में पूरे देश में ऑफलाइन नाटा परीक्षा 2017 एक ही दिन 16 अप्रैल 2017 को आयोजित की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह परीक्षा दो भागों में होगी और यह कुल 200 अंकों की होगी. परीक्षा के दोनों भाग 90-90 मिनट के होंगे. परीक्षा में गणित, सामान्य अभिक्षमता तथा ड्राइंग और अवलोकन कौशल से संबंधित प्रश्न होंगे.

नायक ने बताया कि परीक्षा देशभर में 70 केंद्रों पर होगी.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह भी सिफारिश की गई है कि अगली बार से प्रवेश परीक्षा के लिए पात्रता के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित को अनिवार्य किया जाए.

प्रवेश परीक्षा के लिए इन विषयों को अनिवार्य किए जाने की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वास्तुकला सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि एक प्रौद्योगिकी भी है. इसके लिए गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान जैसे विषयों की जानकारी भी होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि देश को अच्छे वास्तुशिल्पी देने के लिए यह सिफारिश की गई है. यदि सरकार इस सिफारिश को मान लेती है तो वर्ष 2018 से भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित पृष्ठभूमि के छात्र ही यह परीक्षा दे पाएंगे.

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