कोई ऐसा काम नहीं है जो एक मां न कर सके. वो चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती. आज हम आपको ऐसी IAS के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने 4 साल के बेटे को खुद से दूर रखकर देश की सबसे मुश्किल परीक्षा UPSC में दूसरी रैंक हासिल कर सभी को चौंका दिया था.आइए जानते हैं उनके बारे में, इस दौरान उन्होंने किन कठिनाईयों का सामना पड़ा.
UPSC की परीक्षा देने से पहले अनु की स्थिति आर्थिक रूप से काफी अच्छी थी. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने से पहले कई सालों तक मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया. अनु ने एक एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, आर्थिक रूप से सिक्योर होने के बाद भी मैं मन से खुश नहीं थी. जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया.
आपको बता दें अनु ने जब परीक्षा दी थी उनके बेटे की उम्र 4 साल थी. ऐसे में उन्होंने बेटे से दूर रहकर परीक्षा की तैयारी करने का सोचा. उन्होंने अपने ससुराल में तैयारी नहीं की, वह परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी मासी के घर चली गई.
जब आस पड़ोस के लोगों को इस बारे में पता चला तो उन्होंने अनु को ताने मारने शुरू कर दिए. वह अक्सर कहते 'इसके अंदर दिल नहीं है, ये पत्थर की बनी है जो अपने बेटे को छोड़कर आ गई'. लोगों के ताने सुनकर अनु का IAS बनने का हौसला डगमगा जाता. उन्हें हमेशा डर सताता अगर यूपीएससी न हुआ तो लोग क्या होंगे.
मैं काफी डरी हुई थी, लेकिन मेरी मेहनत रंग लाई. पारिवारिक जिम्मेदारियों के निभाने के साथ-साथ हर दिन कम से कम 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थीं. तैयारी के समय वह जिस गांव में रह रही थीं वहां अखबार तक नहीं आता था. लिहाजा उन्होंने अपनी तैयारी को बेहतर से बेहतर करने के लिए ऑनलाइन कंटेंट रीडिंग का सहारा लिया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं