
नई दिल्ली:
अंग्रेजी में एक कहावत है Age is just a number. यानी कि उम्र सिर्फ एक नंबर है. इस कहावत का मतलब ये है कि आपकी उम्र भले ही कितनी कम या ज्यादा हो इससे फर्क नहीं पड़ता है. आमतौर पर इस कहावत का इस्तेमाल किसी ऐसे शख्स के बारे में बताने के लिए किया जाता है जिसकी उम्र तो बहुत ज्यादा होती है लेकिन जिंदगी जीने का तरीका किसी छोटे बच्चे या कम उम्र शख्स की तरह होता है. लेकिन हम यहां पर इस कहावत का इस्तेमाल 19 साल के एक लड़के के लिए कर रहे हैं. इस लड़के ने इतनी छोटी उम्र में ऐसा मुकाम हासिल किया है जिसे बड़े-बड़े हासिल नहीं कर पाते. जी हां, भारतीय मूल के अक्षय रूपारेलिया का नाम ब्रिटिन के सबसे युवा करोड़पतियों में शामिल हो गया है.
9 साल का यह लड़का ब्रिटेन के सबसे युवा करोड़पतियों में शुमार
अक्षय महज 19 साल की उम्र में ही एक सफल बिजनेसमैन बन गए हैं. उनकी ऑनलाइन कंपनी Doorstep.co.uk 16 महीने के अंदर ही ब्रिटेन की 18 सबसे बड़ी ऑनलाइन कंपनियों में शुमार हो गई है. अक्षय की कंपनी का मूल्य एक साल में एक करोड़ 20 लाख पाउंड आंका गया है, जिसके बाद वे वहां के सबसे युवा करोड़पतियों में शामिल हो गए हैं.

जिस उम्र में बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट खेलते हैं, कॉलेज की कैंटीन में मस्ती करते हैं उस उम्र में अक्षय अपनी पढ़ाई के साथ-साथ जमीनी सौदा करने का भी काम करते हैं. उनका दावा है कि उन्होंने जबसे अपना बिजनेस सेटअप किया है, तब से लेकर अबतक वह 10 करोड़ पौंड कीमत की जमीन का सौदा करवा चुके हैं. उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत सात हजार पौंड उधार लेकर की थी, लेकिन अब उसकी कंपनी में 12 लोग काम करते हैं. अक्षय के पिता कौशिक एक केयर वर्कर हैं और मां रेणुका लंदन में ही दिव्यांग बच्चों के स्कूल में असिस्टेंट टीचर हैं.
15 साल में बना अरबपति, खुद का है प्राइवेट जेट, जानिए कैसे आया इतना पैसा
अक्षय ने 6 महीने पहले doorstep.co.uk वेबसाइट को लॉन्च किया था. क्लास के वक्त अक्षय को काम करने में दिक्कत आती थी. इसलिए उन्होंने एक कॉल सेंटर को कॉन्ट्रैक्ट दिया ताकि जब स्कूल में क्लास चल रही हो तो कॉल सेंटर क्लाइंट के सवालों का जवाब दें और फिर क्लास के बाद अक्षय खुद क्लाइंट से बात करते.
अक्षय की कंपनी प्रॉपर्टी बेचने के लिए ब्रिटेन भर में सेल्फ इम्प्लॉयड मदर्स की मदद लेती है. खास बात यह है कि प्रॉपर्टी बेचने के लिए हजारों पाउंड वसूलने के बजाय उनकी कंपनी बहुत कम रकम लेती है. यही वजह है कि उनकी कंपनी कम समय में इतनी कामयाबी हासिल कर पाई. अक्षय के मुताबिक, 'लोग मांओं पर भरोसा करते हैं. मेरे साथ जो भी मां करती है उसे ईमानदार होना चाहिए जो सिर्फ सच बताए.'

अक्षय को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स और मैथमेटिक्स की पढ़ाई का ऑफर भी आया, लेकिन उन्होंने अपने बिजनेस पर ध्यान देने और उसे बढ़ाने का फैसला किया है. आपको बता दें कि अक्षय कंपनी के प्रॉफिट से हर महीने एक हजार पाउंड की बचत कर रहे हैं ताकि वो अपनी पहली कार ले सकें.
बहरहाल, हम तो यही कहेंगे कि अक्षय ने साबित कर दिया है कि अगर आप में जुनून और जज्बा हो तो आप सबकुछ हासिल कर सकते हो. भले ही आपकी उम्र कितनी ही छोटी क्यों न हो. हमारी ओर से अक्षय को ढेर सारी शुभकामनाएं.
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9 साल का यह लड़का ब्रिटेन के सबसे युवा करोड़पतियों में शुमार
अक्षय महज 19 साल की उम्र में ही एक सफल बिजनेसमैन बन गए हैं. उनकी ऑनलाइन कंपनी Doorstep.co.uk 16 महीने के अंदर ही ब्रिटेन की 18 सबसे बड़ी ऑनलाइन कंपनियों में शुमार हो गई है. अक्षय की कंपनी का मूल्य एक साल में एक करोड़ 20 लाख पाउंड आंका गया है, जिसके बाद वे वहां के सबसे युवा करोड़पतियों में शामिल हो गए हैं.

जिस उम्र में बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट खेलते हैं, कॉलेज की कैंटीन में मस्ती करते हैं उस उम्र में अक्षय अपनी पढ़ाई के साथ-साथ जमीनी सौदा करने का भी काम करते हैं. उनका दावा है कि उन्होंने जबसे अपना बिजनेस सेटअप किया है, तब से लेकर अबतक वह 10 करोड़ पौंड कीमत की जमीन का सौदा करवा चुके हैं. उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत सात हजार पौंड उधार लेकर की थी, लेकिन अब उसकी कंपनी में 12 लोग काम करते हैं. अक्षय के पिता कौशिक एक केयर वर्कर हैं और मां रेणुका लंदन में ही दिव्यांग बच्चों के स्कूल में असिस्टेंट टीचर हैं.
15 साल में बना अरबपति, खुद का है प्राइवेट जेट, जानिए कैसे आया इतना पैसा
अक्षय ने 6 महीने पहले doorstep.co.uk वेबसाइट को लॉन्च किया था. क्लास के वक्त अक्षय को काम करने में दिक्कत आती थी. इसलिए उन्होंने एक कॉल सेंटर को कॉन्ट्रैक्ट दिया ताकि जब स्कूल में क्लास चल रही हो तो कॉल सेंटर क्लाइंट के सवालों का जवाब दें और फिर क्लास के बाद अक्षय खुद क्लाइंट से बात करते.
अक्षय की कंपनी प्रॉपर्टी बेचने के लिए ब्रिटेन भर में सेल्फ इम्प्लॉयड मदर्स की मदद लेती है. खास बात यह है कि प्रॉपर्टी बेचने के लिए हजारों पाउंड वसूलने के बजाय उनकी कंपनी बहुत कम रकम लेती है. यही वजह है कि उनकी कंपनी कम समय में इतनी कामयाबी हासिल कर पाई. अक्षय के मुताबिक, 'लोग मांओं पर भरोसा करते हैं. मेरे साथ जो भी मां करती है उसे ईमानदार होना चाहिए जो सिर्फ सच बताए.'

अक्षय को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स और मैथमेटिक्स की पढ़ाई का ऑफर भी आया, लेकिन उन्होंने अपने बिजनेस पर ध्यान देने और उसे बढ़ाने का फैसला किया है. आपको बता दें कि अक्षय कंपनी के प्रॉफिट से हर महीने एक हजार पाउंड की बचत कर रहे हैं ताकि वो अपनी पहली कार ले सकें.
बहरहाल, हम तो यही कहेंगे कि अक्षय ने साबित कर दिया है कि अगर आप में जुनून और जज्बा हो तो आप सबकुछ हासिल कर सकते हो. भले ही आपकी उम्र कितनी ही छोटी क्यों न हो. हमारी ओर से अक्षय को ढेर सारी शुभकामनाएं.
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