जस्टिन के अलावा किसी दूसरे स्टूडेंट को इतनी बड़ी पोस्ट और सैलरी ऑफर नहीं हुई है
नई दिल्ली:
जहां चहा वहां राह. जी हां, अगर सच्ची लगन हो तो आपको मंजिल तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता. ऐसा ही कुछ हुआ है 27 साल के एक लड़के के साथ साथ जिसे IIM- नागपुर के कैंपस प्लेसमेंट में सबसे ज्यादा 19 लाख का पैकेज मिला है. खास बात यह है कि उसके पिता पेशे से दर्जी हैं और बहुत मुश्किल से घर का खर्च निकाल पाते हैं.
8वीं फेल लड़का बना करोड़पति, रिलायंस से लेकर अमूल है इनका क्लाइंट
केरल के रहने वाले जस्टिन फर्नांडिज के घर की सालाना आमदनी मात्र 50 हजार रुपये थी. ऐसे में बमुश्किल ही घर का खर्च चल पाता था. लेकिन जस्टिन की आंटी जानती थीं कि शिक्षा कितनी जरूरी है. ऐसे में उन्होंने 12वीं तक जस्टिन की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाया.
कठिन दौर को याद करते हुए जस्टिन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'मेरे दादाजी दर्जी थे. जाहिर है मेरे पिता को भी यही काम करना पड़ा. लेकिन रेडिमेड गार्मेंट के दौर में हमारे जैसे कई घर बर्बाद हो गए. कंट्रोल रेट पर मिलने वाले राशन से ही हम गुजारा करते थे.'
सिर्फ एक साल में सबसे कम उम्र का करोड़पति बना ये लड़का
केरल के कोल्लम के रहने वाले जस्टिन ने स्कॉलरशिप के सहारे सरकारी कॉलेज से बीटेक किया. इसके बाद उन्होंने दो सालों तक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम किया और साथ-साथ वो एमबीए की भी तैयारी करते रहे.
अपने दूसरे अटेंप्ट में उन्होंने IIM-नागपुर का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर किया और फिर एमबीए में एडमिशन ले लिया.
कोर्स पूरा होने के बाद जब प्लेसमेंट हुआ तो बेहतरीन एकेडमिक रिकॉर्ड वाले जस्टिन अपने बैच में अव्वल रहे. उन्हें हैदराबाद की वैल्यू लैब्स कंपनी ने बतौर एसोसिएट डायरेक्टर ज्वॉन करने का ऑफर दिया. साथ ही 19 लाख के सालाना पैकेज का ऑफर भी मिला.
आपको बता दें कि IIM-नागपुर में जस्टिन के अलावा किसी दूसरे स्टूडेंट को इतनी बड़ी पोस्ट और सैलरी ऑफर नहीं हुई है.
शाबाश जस्टिन.
Video: तंगी और बदहाली में बीता बचपन, 12वीं की परीक्षा में स्कूल में किया टॉप
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केरल के रहने वाले जस्टिन फर्नांडिज के घर की सालाना आमदनी मात्र 50 हजार रुपये थी. ऐसे में बमुश्किल ही घर का खर्च चल पाता था. लेकिन जस्टिन की आंटी जानती थीं कि शिक्षा कितनी जरूरी है. ऐसे में उन्होंने 12वीं तक जस्टिन की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाया.
कठिन दौर को याद करते हुए जस्टिन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'मेरे दादाजी दर्जी थे. जाहिर है मेरे पिता को भी यही काम करना पड़ा. लेकिन रेडिमेड गार्मेंट के दौर में हमारे जैसे कई घर बर्बाद हो गए. कंट्रोल रेट पर मिलने वाले राशन से ही हम गुजारा करते थे.'
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केरल के कोल्लम के रहने वाले जस्टिन ने स्कॉलरशिप के सहारे सरकारी कॉलेज से बीटेक किया. इसके बाद उन्होंने दो सालों तक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम किया और साथ-साथ वो एमबीए की भी तैयारी करते रहे.
अपने दूसरे अटेंप्ट में उन्होंने IIM-नागपुर का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर किया और फिर एमबीए में एडमिशन ले लिया.
कोर्स पूरा होने के बाद जब प्लेसमेंट हुआ तो बेहतरीन एकेडमिक रिकॉर्ड वाले जस्टिन अपने बैच में अव्वल रहे. उन्हें हैदराबाद की वैल्यू लैब्स कंपनी ने बतौर एसोसिएट डायरेक्टर ज्वॉन करने का ऑफर दिया. साथ ही 19 लाख के सालाना पैकेज का ऑफर भी मिला.
आपको बता दें कि IIM-नागपुर में जस्टिन के अलावा किसी दूसरे स्टूडेंट को इतनी बड़ी पोस्ट और सैलरी ऑफर नहीं हुई है.
शाबाश जस्टिन.
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