अक्सर कहा जाता है कि अगर मेहनत और लगन से कोई काम किया जाए तो कामयाबी जरूर मिलती है. जम्मू-कश्मीर के डोडा के रहने वाले गाज़ी अब्दुल्ला ने भी अपनी मेहनत के दम पर बड़ी कामयाबी हासिल की है. महज 24 वर्षीय गाज़ी अब्दुल्ला ने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा (Kashmir Administrative Service Exam) में 46वीं रैंक हासिल की हैं.
गाज़ी को अपनी जिंदगी में कई बुरे हालातों से गुजरना पड़ा है. वह जब सिर्फ 2.5 साल के थे तो उन्होंने अपने पिता को खो दिया और उसके बाद से वह श्रीनगर के बेमिना में एक अनाथालय में रहे और वहीं उनका बचपन गुजरा. लेकिन इन तमाम मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए भी वह कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 46वीं रैंक हासिल करने में कामयाब रहे. वे कई लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं.
Doda: Ghazi Abdullah, who lost his father at age of two & a half years & was raised at an orphanage, secures 46th rank in Kashmir Administrative Service exam. He says, "My stay at orphanage instilled discipline in me. The credit for my success goes to my mother." (06.10.2020) pic.twitter.com/zhoDjFCEmk
— ANI (@ANI) October 6, 2020
गाज़ी अब्दुल्ला ने अपनी इस कामयाबी पर कहा- "अनाथालय में रहने से मेरे अंदर अनुशासन पैदा हुआ. मेरी सफलता का श्रेय मेरी मां को जाता है."
अब्दुल्ला ने कभी भी KAS परीक्षाओं के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. उन्होंने बताया कि उन्हें सेकेंड हैंड बुक्स और इंटरनेट पर उपलब्ध मुफ्त शैक्षणिक सामग्री से काफी मदद मिली है.
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