कल्पित ने जेईई-मेन्स में हासिल किए थे 360 में से 360 नंबर.
प्रतिष्ठित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मुख्य में अब तक पहली बार शत प्रतिशत प्राप्तांक हासिल करने वाले उदयपुर के कल्पित वीरवाल का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है.
जेईई-मेन्स में हासिल किए थे 360 में से 360 नंबर
कल्पित ने इस साल जेईई-मेन्स में 360 में से 360 अंक हासिल किये थे और अब वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बंबई में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं. लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड के एक अधिकारी ने बताया कि उनकी उपलब्धि 2018 के संस्करण में शिक्षा उपलब्धि श्रेणी में नजर आएगी.
कल्पित को नहीं थी 100% नंबर की आशा
कल्पित ने कहा कि मुझे यह परीक्षा उत्तीर्ण हो जाने का पूरा यकीन था लेकिन मुझे शत प्रतिशत अंक मिलने की आशा नहीं थी. इसी तरह, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान पाना भी ऐसे चीज है जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी. उनका होम टाउन उदयपुर कोटा से 300 किलोमीटर से अधिक दूर नहीं है जो मेडिकल और इंजीनियरिंग के अभ्यर्थियों की तैयारी के लिए एक केंद्र है.
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चिकित्साकर्मी हैं कल्पित के पिता
कल्पित का कहना है कि मैं आईआईटी की तैयारी के लिए कोई रोजाना 15 घंटे नहीं पढ़ता था, मैं कोटा भी नहीं गया लेकिन निरंतर पढ़ाई से मुझे मदद मिली.
कल्पित वीरवाल के पिता पुष्पेंद्र वीरवाल उदयपुर में महाराणा भूपाल सरकारी अस्पताल में चिकित्साकर्मी हैं जबकि मां पुष्पा सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं. उनका बड़ा भाई जोधपुर के एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है.
जेईई-मेन्स में हासिल किए थे 360 में से 360 नंबर
कल्पित ने इस साल जेईई-मेन्स में 360 में से 360 अंक हासिल किये थे और अब वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बंबई में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं. लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड के एक अधिकारी ने बताया कि उनकी उपलब्धि 2018 के संस्करण में शिक्षा उपलब्धि श्रेणी में नजर आएगी.
कल्पित को नहीं थी 100% नंबर की आशा
कल्पित ने कहा कि मुझे यह परीक्षा उत्तीर्ण हो जाने का पूरा यकीन था लेकिन मुझे शत प्रतिशत अंक मिलने की आशा नहीं थी. इसी तरह, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान पाना भी ऐसे चीज है जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी. उनका होम टाउन उदयपुर कोटा से 300 किलोमीटर से अधिक दूर नहीं है जो मेडिकल और इंजीनियरिंग के अभ्यर्थियों की तैयारी के लिए एक केंद्र है.
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चिकित्साकर्मी हैं कल्पित के पिता
कल्पित का कहना है कि मैं आईआईटी की तैयारी के लिए कोई रोजाना 15 घंटे नहीं पढ़ता था, मैं कोटा भी नहीं गया लेकिन निरंतर पढ़ाई से मुझे मदद मिली.
कल्पित वीरवाल के पिता पुष्पेंद्र वीरवाल उदयपुर में महाराणा भूपाल सरकारी अस्पताल में चिकित्साकर्मी हैं जबकि मां पुष्पा सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं. उनका बड़ा भाई जोधपुर के एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है.
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