
नयी दिल्ली:
वर्ष 2018 से कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं को अनिवार्य बनाये जाने के सीबीएसई के संचालक मंडल के फैसले का समर्थन करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि करीब सात लाख छात्रों को बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होने का विकल्प देना, ऐसे में भेदभावपूर्ण होता है जब करीब दो करोड़ अन्य छात्र ऐसी परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय सीबीएसई के संचालन मंडल की सिफारिशों को आगे बढ़ाएगा.
उन्होंने कहा कि देश भर में करीब दो करोड़ छात्र हर साल अपनी कक्षा 10 की पढ़ाई पूरी करते हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि इनमें से 1.93 करोड़ छात्र हर साल विभिन्न बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हिस्सा लेते हैं, जबकि सात लाख छात्र इससे बच जाते हैं. इस तरह का भेदभाव ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि स्कूलों, अभिभावकों और शैक्षणिक संगठनों ऐसी व्यवस्था की मांग करते रहे हैं जहां बोर्ड परीक्षा सबके लिए आवश्यक हो.
उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय सीबीएसई के संचालन मंडल की सिफारिशों को आगे बढ़ाएगा.
उन्होंने कहा कि देश भर में करीब दो करोड़ छात्र हर साल अपनी कक्षा 10 की पढ़ाई पूरी करते हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि इनमें से 1.93 करोड़ छात्र हर साल विभिन्न बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हिस्सा लेते हैं, जबकि सात लाख छात्र इससे बच जाते हैं. इस तरह का भेदभाव ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि स्कूलों, अभिभावकों और शैक्षणिक संगठनों ऐसी व्यवस्था की मांग करते रहे हैं जहां बोर्ड परीक्षा सबके लिए आवश्यक हो.
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