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This Article is From Jan 11, 2018

कश्मीर की इंशा ने फायरिंग में आंखें गंवाने के बाद भी जारी रखी अपनी जिद्द, आज बनी सभी के लिए मिसाल 

जुलाई 2016 में पैलेट गन फायरिंग में इंशा अपनी आंखों की रौशनी गंवा चुकी हैं. सफलता पर सीएम ने दिया तोहफा

कश्मीर की इंशा ने फायरिंग में आंखें गंवाने के बाद भी जारी रखी अपनी जिद्द, आज बनी सभी के लिए मिसाल 
इंशा की फाइल फोटो
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पैलेट गन की वजह गई थी आंखों की रौशनी
कई महीने अस्पताल में रही थी इंशा
सीएम ने भी दी सराहा प्रयास
नई दिल्ली: आप में आगर कुछ कर गुजरने की जिद्द हो तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. कश्मीर की इंशा ने 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद इस कहावत को साबित करके दिखाया है. उसकी कड़ी मेहनत की वजह ही आज सभी लोग इंशा के मुरीद हो चुके हैं. राजनेता से लेकर हर कोई इंशा के जज्बे को सलाम कर रहा है. उनकी इस कामयाबी के बाद सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उन्हें भेंट स्वरूप गैस एजेंसी देने का भी वादा किया है. जुलाई 2016 में पैलेट गन फायरिंग में अपनी आंखें गंवा चुकी इंशा बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती हैं. इस हादसे ने उनके दोनों आंखों की रौशनी छीन ली.

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हालांकि, घटना के कुछ दिन बाद तक इंशा काफी आहत रहीं लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी जिद्द को पूरा करने की लिए अपनी मेहनत शुरू की. इंशा ने बताया कि रौशनी गंवाने के बाद  उन्हें लगा था कि वह अब आगे नहीं पढ़ पाएंगी. लेकिन कुछ दिन बाद उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार करने का फैसला किया. इंशा के अनुसार उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. अपने साथ हुए इस हादसे के बाद उन्होंने घर में रहकर ही पढ़ना शुरू किया. घर में रहकर वह तीन ट्यूशन लेती थीं.

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दिन रात की मेहनत के बाद उन्होंने पिछले साल आयोजित 10वीं की बोर्ड परीक्षा में हिस्सा लिया और उसे पास भी किया. अब इंशा आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षक और अभिभावक को दिया है. इंशा के पिता के अनुसार घटना के बाद कई महीनों तक अस्पताल में गुजारने के बाद उन्होंने अपने बेटी के पास होने की उम्मीद छोड़ दी थी.

VIDEO: अपनी मेहनत की वजह से मिसाल बनी इंशा


उनके अनुसार इंशा ने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी और वह लगातार मेहनत करती रहीं. उसकी मेहनत का ही परिणाम है कि वह आज सफल हो पाई है. 

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