अमेरिका के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में करीब 2,11,703 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं.
अमेरिका के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में वर्तमान में करीब 2,11,703 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं. हाल ही में जारी हुई एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है. वहीं चीन इस मामले में पहले स्थान पर है जिसके 3,77,070 छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय छात्रों से संबंधी रूझान पर आई इस हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका में 49 प्रतिशत एफ और एम छात्र या तो चीन (3,77,070 छात्र ) से हैं या फिर भारत (2,11,703 ) से है.
जानिए सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम के टॉपर अनिरुद्ध के पीछे की प्रेरणा कौन है
इस दौरान चीन और भारत से आने वाले छात्रों की संख्या में आनुपातिक वृद्धि एक प्रतिशत से दो प्रतिशत के बीच रही. चीन ने पहले के मुकाबले 6,305 अधिक छात्रों को भेजा, जबकि भारत ने 2,356 अधिक छात्रों को यहां पढ़ने भेजा. अमेरिकी आव्रजन और सीमा-शुल्क प्रवर्तन (आसीई) की गृह सुरक्षा जांचों की स्टुडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (सेविस) रिपोर्ट के मुताबिक कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 77 प्रतिशत छात्र एशिया से आते हैं.
CBSE JEE मेन : तीसरे स्थान पर आए पार्थ लटुरिया सोशल मीडिया से रहे दूर
रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों से आने वाले छात्रों की संख्या में धीमी बढ़ोतरी के बावजूद अमेरिका में पढ़ने आने वाले एशियाई छात्रों की संख्या में कुछ कमी आई है. ऐसा इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान, बर्मा व कंबोडिया से आने वाले छात्रों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और यमन से आने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है, ऐसे में कुल एशियाई छात्रों की संख्या घटी है.
(इनपुट-भाषा)
जानिए सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम के टॉपर अनिरुद्ध के पीछे की प्रेरणा कौन है
इस दौरान चीन और भारत से आने वाले छात्रों की संख्या में आनुपातिक वृद्धि एक प्रतिशत से दो प्रतिशत के बीच रही. चीन ने पहले के मुकाबले 6,305 अधिक छात्रों को भेजा, जबकि भारत ने 2,356 अधिक छात्रों को यहां पढ़ने भेजा. अमेरिकी आव्रजन और सीमा-शुल्क प्रवर्तन (आसीई) की गृह सुरक्षा जांचों की स्टुडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (सेविस) रिपोर्ट के मुताबिक कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 77 प्रतिशत छात्र एशिया से आते हैं.
CBSE JEE मेन : तीसरे स्थान पर आए पार्थ लटुरिया सोशल मीडिया से रहे दूर
रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों से आने वाले छात्रों की संख्या में धीमी बढ़ोतरी के बावजूद अमेरिका में पढ़ने आने वाले एशियाई छात्रों की संख्या में कुछ कमी आई है. ऐसा इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान, बर्मा व कंबोडिया से आने वाले छात्रों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और यमन से आने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है, ऐसे में कुल एशियाई छात्रों की संख्या घटी है.
(इनपुट-भाषा)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं