सांकेतिक तस्वीर...
अमेरिका में बहुत से भारतीय और चीनी छात्रों पर निर्वासन की तलवार लटक रही है। दरअसल एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत वीजा घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए अमेरिकी प्रशासन ने एक फर्जी यूनिवर्सिटी बनाई थी। इसमें 1000 से अधिक विदेशियों को छात्र और कार्य वीजा की अनुमति दी गई। इन लोगों में से ज्यादातर भारतीय और चीन छात्र हैं। अब बताया जा रहा है कि इन सभी लोगों का वीजा कैंसल किया जा सकता है।
इस वीजा जालसाजी को लेकर मंगलवार को 10 भारतीय-अमेरिकियों समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों को कई वर्षों तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
न्यूजर्सी के अमेरिकी अटार्नी पाल जे फिशमैन ने बताया, 'इस तरह की सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले विदेशियों पर केस नहीं चलाया जाएगा, लेकिन उनका वीजा रद्द कर दिया जाएगा।
गिरफ्तार किए गए लोग दलाल, भर्ती करने वाले और कर्मचारी थे जो गैरकानूनी और फर्जी तरीके से छात्रों के लिए वीजा का जुगाड़ करते थे जिन्होंने 26 देशों के एक हजार विदेशी नागरिकों के लिए छात्र वीजा और विदेशी कामगार वीजा हासिल किया।
ऐसा पाया गया कि बड़ी संख्या में जिन छात्रों को जरूरी वीजा और अमेरिका में काम करने की अनुमति दी गयी उनमें से अधिकतर भारत से थे जिन्होंने इसके लिए भारी मात्रा में धन भी दिया था।
इस वीजा जालसाजी को लेकर मंगलवार को 10 भारतीय-अमेरिकियों समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों को कई वर्षों तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
न्यूजर्सी के अमेरिकी अटार्नी पाल जे फिशमैन ने बताया, 'इस तरह की सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले विदेशियों पर केस नहीं चलाया जाएगा, लेकिन उनका वीजा रद्द कर दिया जाएगा।
गिरफ्तार किए गए लोग दलाल, भर्ती करने वाले और कर्मचारी थे जो गैरकानूनी और फर्जी तरीके से छात्रों के लिए वीजा का जुगाड़ करते थे जिन्होंने 26 देशों के एक हजार विदेशी नागरिकों के लिए छात्र वीजा और विदेशी कामगार वीजा हासिल किया।
ऐसा पाया गया कि बड़ी संख्या में जिन छात्रों को जरूरी वीजा और अमेरिका में काम करने की अनुमति दी गयी उनमें से अधिकतर भारत से थे जिन्होंने इसके लिए भारी मात्रा में धन भी दिया था।
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