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This Article is From Dec 03, 2019

बिहार की लड़की शिवांगी बनीं नौसेना की पहली महिला पायलट, कहा, "घबराएं नहीं, सपनों का पीछा करें"

कॉकपिट में बैठे- बैठे शिवांगी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "जो भी मैं करना चाहती हूं मेरा परिवार मेरा साथ देता है. भले ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग करना हो या भारतीय नौसेना में शामिल होना हो."

बिहार की लड़की शिवांगी बनीं नौसेना की पहली महिला पायलट, कहा, "घबराएं नहीं, सपनों का पीछा करें"
विमान में बैठी हुई लेफ्टिनेंट शिवांगी.
कोच्चि:

सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी (Sub-Lieutenant Shivangi) एक अनिवार्य प्री फ्लाइट चैक के दौरान भारतीय नौसेना के सफेद डोर्नियर 228 ट्विन टरबोप्रोप विमान को देखती -परखती हैं. अपने निरीक्षण से संतुष्ट होने के बाद वे विमान के कॉकपिट में चढ़ जाती हैं और उड़ान भरती हैं. ये विमान भारतीय नौसेना द्वारा सामान्य उपयोग और निगरानी के काम में आता है. 24 वर्षीय सब लेफ्टिनेंट शिवांगी भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलेट हैं और उन्होंने ऐसा कर इतिहास रच दिया है.

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सब लेफ्टिनेंट शिवांगी को सोमवार को कोच्चि में आइएनएस गरुड़ पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें उनके विंग्स से सम्मानित किया गया. बता दें कि शिवांगी को डोरिनर 228 उड़ाने का प्रशिक्षण दिया गया है. उन्हें भारतीय नौसेना की सबसे पुरानी स्क्वाड्रन इंडियन नावल एयर स्क्वाड्रन ने प्रशिक्षित किया है. इस मौके पर  लेफ्टिनेंट शिवांगी ने कहा, ''मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं.'' कॉकपिट में बैठे- बैठे शिवांगी ने एनडीटीवी से बातचीच में कहा, ''मेरे पिता एक शिक्षक हैं और मेरे दादा जी एक किसान थे. मेरे परिवार में आज तक किसी ने सैन्य बलों में सेवा नहीं दी है. जो भी मैं करना चाहती हूं मेरा परिवार मेरा साथ देता है. भले ही मकेनिकल इंजीनियरिंग करनी हो या भारतीय नौसेना में शामिल होना हो.''  थोड़ी ही दूरी पर शिवांगी के माता-पिता हरिभूषण और प्रियंका आएनएस गरुड़ पर खड़े थे जो कि इस खुशी के मौके पर फूले नहीं समा रहे थे.

शिवांगी के पिता हरिभूषण ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ''हम बेहद साधारण पृष्ठठभूमि से आते हैं, आज हमारी बेटी ने हमें इतना नाम दिलाया है. हमें हमारी बेटी पर बहुत गर्व है. मुझे लगता है बेटियां जो चाहती हैं उन्हें वो करने देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.''  बता दें कि शिवांगी का परिवार बिहार के मुजफ्फरपुर के पास के एक गांव का रहने वाला है. 

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कॉकपिट के भीतर सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी ने उड़ान भरने से पहले विमान का निरीक्षण पूरा किया. शिवांगी ने बताया, "मेरे कमांडिंग ऑफिसर ने कहा था कि विमान कभी ये नहीं देखता कि उड़ाने वाला स्त्री है या पुरुष. इसलिए मुझे खुद को एक प्रशिक्षु की तरह देखना चाहिए न कि इस तरह कि मैं औरत हूं या आदमी. मुझे अपने सीनियर और कलीग से बहुत प्रोत्साहन मिला है."  शिवांगी ने कहा,  "अभी मेरे प्रशिक्षण का बहुत सा हिस्सा रहता है. अभी मुझे डोर्नियर में मैरिटाइम रिकोनेसैंस और विमान में अन्य भूमिकाओं को सीखना बाकी रहता है. इसके बाद मुझे पी-81 विमान के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा." बता दें कि पी -8आई एक बड़ी लंबी रेंज का एंटी सबमरीन और एंटी सरफेस लड़ाकू विमान है. बता दें कि लेफ्टिनेंट शिवांगी डोर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग प्रशिक्षण कोर्स आईएनएएस 550 जनवरी में शुरू करेंगी जिससे कि वे मैरिटाइम रिकोनेसेंस स्क्वाड्रन से जुड़ने से पहले तैयार हो जाएं.

उन्होने कहा, "अपना बेहतर प्रयास करते हुए लगातार मेहनत करते रहना चाहिए, अपने सपनों को पूरा करने से घबराना नहीं चाहिए और कोशिश करते रहनी चाहिए." बता दें कि डोर्नियर 228 एक खास तरह का विमान है जिसकी खूबियों में लंबी दूरी, उपयोगी क्षमता काफी ज्यादा है और ये काफी वजन भी उठा सकता है. खास बात ये है कि ये ऐसा बहुत कम लागत में कर दिखाता है. 

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