नई दिल्ली:
आईआईटी और एनआईटी एवं दूसरे प्रतिष्ठित संस्थानों के मेधावी छात्र विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के सामने आने वाली समस्याओं के विशिष्ट तकनीकी समाधान निकालने के लिए 36 घंटों की दिमागी कसरत वाली प्रतियोगिता 'हैकाथन' में हिस्सा लेंगे। प्रकाश जावड़ेकर के नेतृत्व वाला केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय अगले साल जनवरी-फरवरी में 'स्मार्ट इंडिया हैकाथन' का आयोजन करने की योजना बना रहा है जिसमें दायरे में देश के सभी प्रौद्योगिकी संस्थानों के 30 लाख छात्र आएंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, यह दुनिया का सबसे बड़े आयोजन होगा। स्मार्ट इंडिया हैकाथन 36 घंटे तक बिना रूके चलने वाली डिजिटल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता है जिसमें छात्रों की टीमें सामने रखी गयी किसी भी समस्या के अभिनव हल तलाशने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करेंगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इस पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी संस्थानों में पढ़ रहे युवा मस्तिष्कों की रचनात्मकता एवं तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाना है ताकि देश के सामने आने वाली कुछ जटिल समस्याओं के अभिनव एवं उन्हें खत्म करने वाले तकनीकी हल निकाले जा सके।
सूत्रों ने कहा कि हाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव वी एस ओबरॉय ने दूसरे मंत्रालयों के अपने समकक्षों को पत्र लिखकर उनसे करीब 30 ऐसी समस्याओं की पहचान करने के लिए कुछ अधिकारियों को काम पर लगाने को कहा ताकि वे समस्याएं प्रतियोगियों के सामने रखे जा सके। समझा जा रहा है कि प्रतियोगिता के विजेता को एक लाख रपए का नकद पुरस्कार जबकि उपविजेता एवं तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को भी आकषर्क पुरस्कार दिए जाएंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, यह दुनिया का सबसे बड़े आयोजन होगा। स्मार्ट इंडिया हैकाथन 36 घंटे तक बिना रूके चलने वाली डिजिटल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता है जिसमें छात्रों की टीमें सामने रखी गयी किसी भी समस्या के अभिनव हल तलाशने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करेंगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इस पहल का उद्देश्य प्रौद्योगिकी संस्थानों में पढ़ रहे युवा मस्तिष्कों की रचनात्मकता एवं तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाना है ताकि देश के सामने आने वाली कुछ जटिल समस्याओं के अभिनव एवं उन्हें खत्म करने वाले तकनीकी हल निकाले जा सके।
सूत्रों ने कहा कि हाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव वी एस ओबरॉय ने दूसरे मंत्रालयों के अपने समकक्षों को पत्र लिखकर उनसे करीब 30 ऐसी समस्याओं की पहचान करने के लिए कुछ अधिकारियों को काम पर लगाने को कहा ताकि वे समस्याएं प्रतियोगियों के सामने रखे जा सके। समझा जा रहा है कि प्रतियोगिता के विजेता को एक लाख रपए का नकद पुरस्कार जबकि उपविजेता एवं तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को भी आकषर्क पुरस्कार दिए जाएंगे।
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