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This Article is From Apr 05, 2016

शिक्षक-छात्र अनुपात की वजह से नंबर 1 नहीं बन सके: आईआईटी खड़गपुर

शिक्षक-छात्र अनुपात की वजह से नंबर 1 नहीं बन सके: आईआईटी खड़गपुर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- खड़गपुर
कोलकाता: देश में प्रौद्योगिकी संस्थानों की सरकारी वरीयता सूची में तीसरे स्थान पर रहने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- खड़गपुर का कहना है कि वह शिक्षक-छात्र अनुपात में पिछड़ने की वजह से शीर्ष स्थान पर नहीं आ सका।

आईआईटी खड़गपुर के निदेशक पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हम प्रमुख रूप से अपने शिक्षक-छात्र अनुपात की वजह से पिछड़ गये। हमारे यहां छात्रों की संख्या 11300 से ज्यादा है जो सर्वाधिक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्य सभी क्षेत्रों में हमारा प्रदर्शन शीर्ष के करीब का था।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मैं सोचता हूं कि हमें केवल शिक्षक संख्या ही नहीं बढ़ानी चाहिए। जहां हम तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं क्वालिटी वाली फैकल्टी मिलना आसान नहीं है। हमें सभी स्तरों पर अपने बढ़े छात्र आधार का प्रभावी इस्तेमाल अनुसंधान के गुणवत्तापूर्ण परिणाम बढ़ाने के लिए साधन के तौर पर करना चाहिए।’’ सरकार द्वारा जारी अब तक की पहली घरेलू वरीयता सूची के अनुसार आईआईटी मद्रास और आईआईटी बांबे देश के दो शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थान हैं।

आईआईटी खड़गपुर तीसरे स्थान पर है जिनके बाद आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर का नंबर है।
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