उच्च शिक्षा के बजट (Higher Education Budget) में इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 1100 करोड़ से अधिक का इजाफा हुआ है. केंद्रीय बजट (Union Budget 2020) में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों यानी आईआईटी (IIT) के लिए इस बार कुल आवंटन 7,332 करोड़ रुपये रखा गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14.38 प्रतिशत अधिक है. केंद्रीय बजट में शिक्षा के लिए 99,300 करोड़ रुपये का प्रावधान है. इनमें से उच्चतर शिक्षा का कुल आवंटन 39466.52 करोड़ रुपये है. विगत वर्ष के 38317.01 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष 1149.51 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि केंद्रीय बजट में इस बार केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए कुल आवंटन 8657.90 करोड़ रुपये रखा गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.39 प्रतिशत अधिक है.
वहीं राष्ट्रीय तकनीकी संस्थानों (NIT) के लिए कुल आवंटन 3885 करोड़ रुपये रखा गया है, जो पिछले साल की तुलना में 2.58 प्रतिशत अधिक है. उच्च शिक्षा से जुड़े नियामकों यूजीसी व एआईसीटीई के लिए कुल आवंटन 5109.20 करोड़ रुपये रखा गया है. उच्च शिक्षा के गुणवत्ता उन्नयन और समावेशन कार्यक्रम नामक एक नई योजना की परिकल्पना की गई है. इस योजना के लिए 1413 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजटीय प्रावधान किया गया है.
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2200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सरकारी इक्विटी के माध्यम से मूलभूत अवसंरचनाओं जैसे कक्षाओं, हॉस्टल, प्रयोगशालाओं और उपकरणों के सुधार और विस्तार के लिए उनकी बजटीय जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी. विश्व बैंक से सहायता प्राप्त तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के लिए 650 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस परियोजना का उद्देश्य चयनित इंजीनियरिंग संस्थानों में गुणवत्ता और समानता को बढ़ाना और फोकस राज्यों में इंजीनियरिंग शिक्षा प्रणाली की दक्षता में सुधार करना है.
'ब्याज सब्सिडी और प्रतिभूति निधि में योगदान' के लिए आवंटन 1900 करोड़ रुपये रखा गया है. यह उच्च व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने की वांछा करने वाले छात्रों को आसान और ब्याज मुक्त ऋण संवितरित करने के लिए है. वहीं स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के बजट आवंटन में 3308.37 करोड़ (5.85 प्रतिशत) रुपये की कुल वृद्धि हुई है. स्कूली शिक्षा के उन्नयन हेतु फ्लैगशिप योजना की समग्र शिक्षा में बजट आवंटन (2428.50 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई.
प्रतिभाशाली बच्चों को उनके कौशल के लिए प्रोत्साहित और ज्ञान को समृद्ध करने और प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना प्रधान मंत्री नवीन शिक्षण कार्यक्रम (डीएचआरयूवी) वित्त वर्ष 2020-21 से परिकल्पित की गई है. केवीएस आवंटन में रुपये 504.50 करोड़ वृद्धि हुई है और रुपये 232 करोड़ की वृद्धि एनवीएस आवंटन बी.ई. 2019-20 की तुलना में.
समाज के वंचित वर्गो के छात्रों के साथ-साथ उच्चतर शिक्षातक पहुंच में अक्षम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से डिग्री स्तर का सुव्यवस्थित ऑनलाइन शिक्षाकार्यक्रम शुरू किया जाएगा. हालांकि, ऐसे पाठ्यक्रम केवल उन्हीं संस्थानों में उपलब्ध होंगे, जो राष्ट्रीय संस्था रैंकिंग कार्यक्रम में शीर्ष 100 रैंकों में शामिल हैं.
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