Year Ender 2020: इस साल कोरोनावायरस के कारण शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं. जहां एक ओर कोरोना के कारण छात्रों की क्लास ऑनलाइन हो गई हैं, वहीं इस साल शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार ने काफी बदलाव किए हैं. इस साल मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) का नाम शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) कर दिया गया है. यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया था. इस बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दी थी.
मंत्रालय की वेबसाइट और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के सोशल मीडिया पेज को भी अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय से बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' शिक्षा मंत्री हैं और संजय धोत्रे शिक्षा राज्य मंत्री हैं.
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया था कि मंत्रालय का मौजूदा नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए. इस प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी गई. अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके.
शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी 'नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनएचईआरए) या हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया' तय किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण पहले 1986 में किया गया था और 1992 में इसमें कुछ बदलाव किए गए थे.
केंद्र सरकार का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है ताकि भारत दुनिया में ज्ञान का सुपरपावर बन सके. इसके लिए सभी को अच्छी क्वालिटी की शिक्षा दिए जाने की जरूरत है ताकि एक प्रगतिशील और गतिमान समाज बनाया जा सके.
शिक्षा मंत्रालय का प्राथमिक स्तर पर दी जाने वाली शिक्षा की क्वालिटी सुधारने के लिए एक नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का फ्रेमवर्क तैयार करने पर जोर है. इस फ्रेमवर्क में अलग-अलग भाषाओं के ज्ञान, 21वीं सदी के कौशल, कोर्स में खेल, कला और वातारण से जुड़े मुद्दे भी शामिल किए जाएंगे.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान MHRD का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने के फैसले का स्वागत किया था. दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने कहा था, "हालांकि, मंत्रालय के नाम का बदलना ही काफी नहीं है. मंत्रालय के पूरे ढांचे को बदलना होगा."
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) का नाम पहले शिक्षा मंत्रालय ही होता था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बदलकर इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ सहयोगी संगठनों की मांग थी कि नाम वापस शिक्षा मंत्रालय रखा जाए. नई शिक्षा नीति बनाने वाली कमेटी ने भी MHRD की जगह मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (MoE) यानी शिक्षा मंत्रालय नाम करने का प्रस्ताव दिया था. पहली शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी, जिसके बाद 1992 में इसमें बदलाव किया गया था. अब एक बार फिर नई नीति लागू कर दी गई है.
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