नयी दिल्ली:
कोचिंग सेंटरों के प्रभाव को कम करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक विशेष योजना बनाई है जिसके तहत आईआईटी के छात्र विभिन्न विषयों पर मॉड्यूल बनाएंगे जिनसे इन प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के लिए कठिन जेईई परीक्षा को उत्तीर्ण करने में अभ्यर्थियों को मदद मिले।
स्मृति ईरानी की अगुवाई में मंत्रालय एक IIT-Pal एप्प बनाने की दिशा में काम कर रहा है जिसमें अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, तमिल, तेलुगू, उड़िया, कन्नड, मलयालम, मराठी, गुजराती और पंजाबी समेत 11 भाषाओं में अच्छी गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री निशुल्क उपलब्ध होगी।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया, ‘‘सामग्री सर्वश्रेष्ठ स्तर की होनी चाहिए और इसमें भौतिकविज्ञान, रसायनविज्ञान और गणित का पाठ्यक्रम विस्तार से होना चाहिए। आईआईटी के दूसरे वर्ष के छात्रों में से स्वेच्छा से काम करने वाले विद्यार्थियों को आमंत्रित करने की योजना है जो एक प्रोफेसर के दिशानिर्देश में अनेक विषय पर सामग्री तैयार करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए करीब 150 महत्वपूर्ण विषय होते हैं।
प्रत्येक विषय के लिए आईआईटी-पल की एक टीम चुनी जाएगी।
सूत्रों ने कहा, ‘‘पहले ही जगह हासिल कर चुके और कुछ करके दिखा चुके लोगों की प्रतिभा और उत्साह का उपयोग करने का विचार है। स्वच्छ प्रतिस्पर्धा हो और छात्रों को उनके प्रयासों का फल मिले, इसके लिए विभिन्न विषयों पर जिन टीमों की सामग्री का चयन किया जाएगा, उन्हें एक-एक लाख रपये का मानदेय दिया जा सकता है।’’
स्मृति ईरानी की अगुवाई में मंत्रालय एक IIT-Pal एप्प बनाने की दिशा में काम कर रहा है जिसमें अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, तमिल, तेलुगू, उड़िया, कन्नड, मलयालम, मराठी, गुजराती और पंजाबी समेत 11 भाषाओं में अच्छी गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री निशुल्क उपलब्ध होगी।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया, ‘‘सामग्री सर्वश्रेष्ठ स्तर की होनी चाहिए और इसमें भौतिकविज्ञान, रसायनविज्ञान और गणित का पाठ्यक्रम विस्तार से होना चाहिए। आईआईटी के दूसरे वर्ष के छात्रों में से स्वेच्छा से काम करने वाले विद्यार्थियों को आमंत्रित करने की योजना है जो एक प्रोफेसर के दिशानिर्देश में अनेक विषय पर सामग्री तैयार करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए करीब 150 महत्वपूर्ण विषय होते हैं।
प्रत्येक विषय के लिए आईआईटी-पल की एक टीम चुनी जाएगी।
सूत्रों ने कहा, ‘‘पहले ही जगह हासिल कर चुके और कुछ करके दिखा चुके लोगों की प्रतिभा और उत्साह का उपयोग करने का विचार है। स्वच्छ प्रतिस्पर्धा हो और छात्रों को उनके प्रयासों का फल मिले, इसके लिए विभिन्न विषयों पर जिन टीमों की सामग्री का चयन किया जाएगा, उन्हें एक-एक लाख रपये का मानदेय दिया जा सकता है।’’
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