इस तरह की पहल पहली बार सामने आई है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से एक नई पहल शुरू की गई है. यह पहल केंद्रीय विद्यालयों के लिए शुरू होने जा रही है. मंत्रालय अपने 1000 से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों को रैंकिंग देने की दिशा में काम कर रहा है. इस तरह की पहल पहली बार सामने आई है. स्कूलों में गिरते हुए शिक्षास्तर को देखते हुए सरकार ने यह अनोखा तरीका अपनाया है. इससे जहां एक तरफ सभी स्कूलों में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होगी, वहीं इससे स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर भी काफी गहरा असर होगा.
2018 में आएंगे परिणाम
सूत्रों के मुताबिक इस नई पहल की प्रक्रिया लगभग शुरू हो चुकी है, सभी केंद्रीय विद्यालयों को इसके बारे में अवगत भी करवाया जा चुका है. इस रैंकिंग प्रतिस्पर्धा का परिणाम जून 2018 में घोषित किए जाने पर चर्चा है. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के निर्देश पर उठाया गया यह कदम केंद्रीय विद्यालयों में कई स्तर पर सुधार लाने के लिए है. बताया जा रहा है कि इस रैंकिंग के लिए स्कूलों का दो बार निरीक्षण किया जाएगा. 2018 से यह प्रतियोगिता हर साल आयोजित होगी.
मिलेंगे 4 ग्रेड
इन रैंकिंग प्रतियोगिता को कुल 4 हिस्सों में बांटा जाएगा. केंद्रीय विद्यालयों की ग्रेडिंग के लिए 1000 अंक निर्धारित किए गए हैं. 80 प्रतिशत या इससे ऊपर आने वाले विद्यालयों को ग्रेड ए दिया जाएगा. वहीं 60 से 80 प्रतिशत के बीच में अंक हासिल करने वाले स्कूलों को बी ग्रेड दिया जाएगा. सी ग्रेड उन स्कूलों को मिलेगा जो 40 और 60 के बीच के प्रतिशत में अंक प्राप्त करेंगे. इससे कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यालयों को डी ग्रेड मिलेगा. इन सभी विद्यालयों का आंकलन करने के लिए अलग-अलग मानक तैयार किए गए हैं.
जांचा जाएगा शिक्षा का स्तर
देखा जाता है कि कई केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को लेकर पेरेंट्स की शिकायतें आती रहती हैं. इसीलिए इसे सुधारने के लिए इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा अंक शैक्षणिक गुणवत्ता और उसके प्रदर्शन के ही होंगे. इसके लिए कुल 500 अंक निर्धारित किए गए हैं. इसके अलावा स्कूल प्रशासन के लिए 120 और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 150 अंक निर्धारित हैं.
2018 में आएंगे परिणाम
सूत्रों के मुताबिक इस नई पहल की प्रक्रिया लगभग शुरू हो चुकी है, सभी केंद्रीय विद्यालयों को इसके बारे में अवगत भी करवाया जा चुका है. इस रैंकिंग प्रतिस्पर्धा का परिणाम जून 2018 में घोषित किए जाने पर चर्चा है. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के निर्देश पर उठाया गया यह कदम केंद्रीय विद्यालयों में कई स्तर पर सुधार लाने के लिए है. बताया जा रहा है कि इस रैंकिंग के लिए स्कूलों का दो बार निरीक्षण किया जाएगा. 2018 से यह प्रतियोगिता हर साल आयोजित होगी.
मिलेंगे 4 ग्रेड
इन रैंकिंग प्रतियोगिता को कुल 4 हिस्सों में बांटा जाएगा. केंद्रीय विद्यालयों की ग्रेडिंग के लिए 1000 अंक निर्धारित किए गए हैं. 80 प्रतिशत या इससे ऊपर आने वाले विद्यालयों को ग्रेड ए दिया जाएगा. वहीं 60 से 80 प्रतिशत के बीच में अंक हासिल करने वाले स्कूलों को बी ग्रेड दिया जाएगा. सी ग्रेड उन स्कूलों को मिलेगा जो 40 और 60 के बीच के प्रतिशत में अंक प्राप्त करेंगे. इससे कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यालयों को डी ग्रेड मिलेगा. इन सभी विद्यालयों का आंकलन करने के लिए अलग-अलग मानक तैयार किए गए हैं.
जांचा जाएगा शिक्षा का स्तर
देखा जाता है कि कई केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को लेकर पेरेंट्स की शिकायतें आती रहती हैं. इसीलिए इसे सुधारने के लिए इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा अंक शैक्षणिक गुणवत्ता और उसके प्रदर्शन के ही होंगे. इसके लिए कुल 500 अंक निर्धारित किए गए हैं. इसके अलावा स्कूल प्रशासन के लिए 120 और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 150 अंक निर्धारित हैं.
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