Google Doodle: गूगल ने ह्यूबर्ट सेसिल बूथ के जन्मदिन पर डूडल बनाकर उन्हें याद किया है
नई दिल्ली:
Google doodles on vacuum cleaner inventor Hubert Cecil Booth: ह्यूबर्ट सेसिल बूथ (Hubert Cecil Booth) एक अंग्रेज इंजीनियर थे, जिन्होंने पहले पावर्ड वैक्यूम क्लीनर का आविष्कार किया था. इसके अलावा उन्होंने फेरिस व्हील्स, सस्पेंशन ब्रिज और कई फैक्ट्रियों का निर्माण किया. गूगल ने आज यानी कि 4 जुलाई को उनके जन्मदिन के मौके पर उन्हें डूडल बनाकर याद किया है. यहां पह हम आपको ह्यूबर्ट सेसिल बूथ की जिंदगी के बारे में 11 बातें बता रहे हैं.
3 Idiots में आमिर नहीं कर पाते ये काम अगर न होते ये वैज्ञानिक
1. ह्यूबर्ट बूथ का जन्म 4 जुलाई 1871 में इंग्लैंड के ग्लोसेस्टर में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने 1889 में लंदन की सेंट्रल टेक्निकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया, जहां से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग और मकेनिकल इंजीनियरिंग में
तीन साल का कोर्स किया. इसे बाद उन्होंने डिप्लोमा ऑफ एसोसिएटशिप किया, जिसमें वह इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में दूसरे नंबर पर रहे. इसके बाद वह इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर के स्टूडेंट बन गए.
जब अक्षय कुमार ने वैक्यूम क्लीनर से उड़ा दिया था लारा दत्ता का तोता, फिल्मों में यूं हुआ Vaccum Cleaner का इस्तेमाल
2. 1892 में बूथ लंदन स्थित मॉडस्ले संस & फील्ड नाम की कंपनी में बतौर सिविल इंजीनियर तैनात हो गए. यहां रहते हुए उन्होंने लंदन, ब्लैकपूल, पेरिस और वीएना के एम्यूजमेंट पार्क के लिए ब्रिज और बड़ी-बड़ी नावों के पहिए बनाए. यही नहीं उन्होंने रॉयल नेवी के लिए जंगी जहाजों के इंजन बनाने का काम भी किया.
3. बूथ को पहले पावर्ड वैक्यूम क्लीनर के आविष्कार के लिए जाना जाता है. इनकी खोज से पहले के वैक्यूम क्लीनर मिट्टी को सोखते नहीं थे बल्कि प्रेशर से दूर करते थे.
4. बूथ ने सफाई करने के लिए सबसे पहले जो मशीन बनाई वो बेहद भारी और बड़ी थी, जिसका नाम उन्होंने 'पफिंग बिली' रखा था. बूथ की यह मशीन पेट्रोल से चलती थी, जो पूरी तरह से पिस्टन पंप की हवा पर निर्भर थी. इस मशीन में ब्रश नहीं लगे थे. मशीन धूल और डस्ट को सोख लेती थी. हालांकि किसी इमारत तक ले जाने के लिए मशीन बेहद बड़ी थी, लेकिन यह आज के वैक्यूम क्लीनर की तरह ही काम करती थी.
5. इसके बाद बूथ ने सफाई के लिए इलेक्ट्रिक मशीन बनाई. यह भी काफी बड़ी और भारी थी. इन मशीनों को कहीं ले जाने के लिए घोड़ा-गाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता था.
6. वैक्यूम क्लीनर शब्द का इस्तेमाल 1901 में एक कंपनी ने किया जिसके पास बूथ के प्रोडक्ट को मार्केट तक ले जाने की जिम्मेदारी थी.
7. बूथ ने शुरुआत में मशीन बेचने के बजाए ब्रिटिश वैक्यूम क्लीनिर कंपनी (BVC) नाम से क्लीनिंग सर्विस देना शुरू किया. हालांकि कई लोगों ने बूथ की शिकायत भी. लोगों का कहना था कि उनकी मशीनें बहुत शोर करती हैं.
8. रॉयल सील से अनुमति मिलने के बाद बूथ ने अपने मोटर वैक्यूम क्लीनर से ब्रिटेन के राजा एडवर्ड सातवें के राजतिलक से पहले मशहूर चर्च वेस्टमिनिस्टर एबे के कार्पेट की सफाई का काम किया. इसके बाद नेवी बैरक की सफाई के लिए
रॉयल नेवी भी इस वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करने लगी. यही नहीं इसका इस्तेमाल थिएटर और बड़ी-बड़ी दुकानों की सफाई के लिए भी होने लगा.
9. बूथ को अपनी मशीनों के लिए पहला पेटेंट 18 फरवरी और 30 अगस्त 1901 को मिला. बूथ ने गोबलिन नाम की कंपनी खोली. उनकी यह कंपनी वैक्यूम क्लीनिंग सर्विस देती थी. साथ ही आने वाले कई सालों में इस कंपनी ने वैक्यूम क्लीनर को पहले से बेहतर और अच्छा बनाया.
10. बाद में बूथ की कंपनी गोबलिन अपनी प्रतिद्वंदी कंपनी होवर से पीछे हो गई. इसके बाद उनकी कंपनी इंडस्ट्रियल मार्केट में शिफ्ट हो गई. उनकी इस कंपनी ने बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां और वेयरहाउस बनाए.
11. ह्यूबर्ट बूथ ने 1903 में चार्लेट मैरी पियर्स से शादी की. बूथ का निधन 14 जनवरी 1955 को हुआ था.
3 Idiots में आमिर नहीं कर पाते ये काम अगर न होते ये वैज्ञानिक
1. ह्यूबर्ट बूथ का जन्म 4 जुलाई 1871 में इंग्लैंड के ग्लोसेस्टर में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने 1889 में लंदन की सेंट्रल टेक्निकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया, जहां से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग और मकेनिकल इंजीनियरिंग में
तीन साल का कोर्स किया. इसे बाद उन्होंने डिप्लोमा ऑफ एसोसिएटशिप किया, जिसमें वह इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में दूसरे नंबर पर रहे. इसके बाद वह इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर के स्टूडेंट बन गए.
जब अक्षय कुमार ने वैक्यूम क्लीनर से उड़ा दिया था लारा दत्ता का तोता, फिल्मों में यूं हुआ Vaccum Cleaner का इस्तेमाल
2. 1892 में बूथ लंदन स्थित मॉडस्ले संस & फील्ड नाम की कंपनी में बतौर सिविल इंजीनियर तैनात हो गए. यहां रहते हुए उन्होंने लंदन, ब्लैकपूल, पेरिस और वीएना के एम्यूजमेंट पार्क के लिए ब्रिज और बड़ी-बड़ी नावों के पहिए बनाए. यही नहीं उन्होंने रॉयल नेवी के लिए जंगी जहाजों के इंजन बनाने का काम भी किया.
3. बूथ को पहले पावर्ड वैक्यूम क्लीनर के आविष्कार के लिए जाना जाता है. इनकी खोज से पहले के वैक्यूम क्लीनर मिट्टी को सोखते नहीं थे बल्कि प्रेशर से दूर करते थे.
4. बूथ ने सफाई करने के लिए सबसे पहले जो मशीन बनाई वो बेहद भारी और बड़ी थी, जिसका नाम उन्होंने 'पफिंग बिली' रखा था. बूथ की यह मशीन पेट्रोल से चलती थी, जो पूरी तरह से पिस्टन पंप की हवा पर निर्भर थी. इस मशीन में ब्रश नहीं लगे थे. मशीन धूल और डस्ट को सोख लेती थी. हालांकि किसी इमारत तक ले जाने के लिए मशीन बेहद बड़ी थी, लेकिन यह आज के वैक्यूम क्लीनर की तरह ही काम करती थी.
5. इसके बाद बूथ ने सफाई के लिए इलेक्ट्रिक मशीन बनाई. यह भी काफी बड़ी और भारी थी. इन मशीनों को कहीं ले जाने के लिए घोड़ा-गाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता था.
6. वैक्यूम क्लीनर शब्द का इस्तेमाल 1901 में एक कंपनी ने किया जिसके पास बूथ के प्रोडक्ट को मार्केट तक ले जाने की जिम्मेदारी थी.
7. बूथ ने शुरुआत में मशीन बेचने के बजाए ब्रिटिश वैक्यूम क्लीनिर कंपनी (BVC) नाम से क्लीनिंग सर्विस देना शुरू किया. हालांकि कई लोगों ने बूथ की शिकायत भी. लोगों का कहना था कि उनकी मशीनें बहुत शोर करती हैं.
8. रॉयल सील से अनुमति मिलने के बाद बूथ ने अपने मोटर वैक्यूम क्लीनर से ब्रिटेन के राजा एडवर्ड सातवें के राजतिलक से पहले मशहूर चर्च वेस्टमिनिस्टर एबे के कार्पेट की सफाई का काम किया. इसके बाद नेवी बैरक की सफाई के लिए
रॉयल नेवी भी इस वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करने लगी. यही नहीं इसका इस्तेमाल थिएटर और बड़ी-बड़ी दुकानों की सफाई के लिए भी होने लगा.
9. बूथ को अपनी मशीनों के लिए पहला पेटेंट 18 फरवरी और 30 अगस्त 1901 को मिला. बूथ ने गोबलिन नाम की कंपनी खोली. उनकी यह कंपनी वैक्यूम क्लीनिंग सर्विस देती थी. साथ ही आने वाले कई सालों में इस कंपनी ने वैक्यूम क्लीनर को पहले से बेहतर और अच्छा बनाया.
10. बाद में बूथ की कंपनी गोबलिन अपनी प्रतिद्वंदी कंपनी होवर से पीछे हो गई. इसके बाद उनकी कंपनी इंडस्ट्रियल मार्केट में शिफ्ट हो गई. उनकी इस कंपनी ने बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां और वेयरहाउस बनाए.
11. ह्यूबर्ट बूथ ने 1903 में चार्लेट मैरी पियर्स से शादी की. बूथ का निधन 14 जनवरी 1955 को हुआ था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं