गणतंत्र दिवस (Republic Day) 26 जनवरी (26th January) पर राष्ट्रपति राष्ट्र ध्वज को फहराते हैं और 21 तोपों की सलामी दी जाती है. वास्तव में वहां 21 तोपों द्वारा फायरिंग नहीं की जाती है. बल्कि भारतीय सेना की 7 तोपों (जिन्हें '25 पाउंडर्स' कहा जाता है) से सलामी दी जाती है. इन तोपों से तीन-तीन राउंड की फायरिंग की जाती है. जैसे ही राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड के सीओ राष्ट्रपति को सलामी देते हैं, उसी समय ये तोपें फायर की जाती हैं. राष्ट्रगान शुरू होते ही पहली सलामी दी जाती है और ठीक 52 सेकंड बाद आखिरी सलामी दी जाती है. गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र ध्वज फहराने के साथ ही राष्ट्रगान गाया जाता है. राष्ट्रगान (National Anthem) के आलावा राष्ट्रगीत (National Song) भी कई अवसरों पर गाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रगान (National Anthem) और राष्ट्रगीत (National Song) में क्या अंतर है? आज हम आपको राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत का अंतर बताने जा रहे हैं.
आइये जानते हैं राष्ट्रगान (National Anthem) और राष्ट्रगीत (National Song) में अंतर
राष्ट्रगान (National Anthem)
राष्ट्रगान को रबिन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने लिखा था. संविधान सभा ने ''जन-गण-मन'' को 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान (National Anthem) के रूप में स्वीकार किया था. राष्ट्रगान को पहली बार साल 1911 में कोलकाता में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में गाया गया था.
राष्ट्रगान देश के इतिहास, सभ्यता, संस्कृति और उसके लोगों का बखान करता है. राष्ट्रगान (National Anthem) जन-गण-मन को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है. राष्ट्रगान को गाने और बजाने को लेकर कई नियम है. इन नियमों का पालन न करने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान है.
राष्ट्रगीत (National Song)
भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम है. वंदे मातरम की रचना बंकिम चन्द्र चटर्जी ने की थी. वंदे मातरम बंगाली भाषा के उपन्यास आनंदमठ (अभय आनंद) में लिखी कविता थी. वंद मातरम को रवींद्रनाथ टैगोर ने स्वरबद्ध किया और साल 1896 में पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में यह गीत गाया गया. 24 जनवरी, 1950 को वंदे मातरम को राष्ट्रगीत (National Song) का दर्जा दिया गया.
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झंडा (National Flag) फहराने के नियम और कानून
1. तिरंगा हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता है.
2. तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है. आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है.
3. झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता, झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है. झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं.
4. तिरंगे (Flag) का आकार आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए.
5. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए.
6. केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके तिरंगा फहराना गलत है.
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7. तिरंगे को हमेशा अपने पास की सबसे ऊंची जगह पर फहराना चाहिए.
8. तिरंगे (National Flag) का इस्तेमाल किसी कार्यक्रम में मेज को ढकने या मंच को सजाने में नहीं किया जाता है.
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