PhD में एडमिशन लेना होगा मुश्किल
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नए ड्राफ्ट के मुताबिक अब पीएचडी में एडमिशन लेना और मुश्किल हो सकता है. ड्राफ्ट में यह सुझाव दिया गया है कि तृतीय श्रेणी में आने वाले शैक्षणिक संस्थान/विश्वविद्यालय अपने पीएचडी कोर्सेज में उन्हीं उम्मीदवारों को एडमिशन दें जिन्होंने NET या SLET या SET एग्जामिनेशन क्वालिफाई कर रखा हो. 15 जून तक इस ड्राफ्ट तक प्रतिक्रिया दी जा सकती है. प्रतिक्रिया feedback2ugc@gmail.com पर भेजी जा सकती है.
यूजीसी ने शुक्रवार को ‘यूजीसी नियम-2017 (Categorisation of Universities for Grant of Graded Autonomy)’ को मंजूरी दी थी. इन नियम के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को विभिन्न श्रेणियों (I/II/III) में वर्गीकृत किया जाएगा.
I, II या III श्रेणी नैक एक्रिडिएशन और एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर दी जाएगी. ऐसे संस्थान जिनका लगातार दो साल तक नैक स्कोर 3.5 से अधिक रहा है और जिनकी एनआईआरएफ रैकिंग पहले 50 के भीतर रही है, उन्हें कैटेगरी I में रखा जाएगा. 3.01 से 3.49 के बीच नैक स्कोर व 51 से 100 रैकिंग वाले संस्थानों को कैटेगरी II में रखा जाएगा. शेष संस्थानों को कैटगरी III में रखा जाएगा.
एनआईआरएफ रैंकिंग 2017 के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी 15वें स्थान पर है जबकि जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी 5वें स्थान पर है.
यूजीसी ने शुक्रवार को ‘यूजीसी नियम-2017 (Categorisation of Universities for Grant of Graded Autonomy)’ को मंजूरी दी थी. इन नियम के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को विभिन्न श्रेणियों (I/II/III) में वर्गीकृत किया जाएगा.
I, II या III श्रेणी नैक एक्रिडिएशन और एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर दी जाएगी. ऐसे संस्थान जिनका लगातार दो साल तक नैक स्कोर 3.5 से अधिक रहा है और जिनकी एनआईआरएफ रैकिंग पहले 50 के भीतर रही है, उन्हें कैटेगरी I में रखा जाएगा. 3.01 से 3.49 के बीच नैक स्कोर व 51 से 100 रैकिंग वाले संस्थानों को कैटेगरी II में रखा जाएगा. शेष संस्थानों को कैटगरी III में रखा जाएगा.
एनआईआरएफ रैंकिंग 2017 के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी 15वें स्थान पर है जबकि जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी 5वें स्थान पर है.
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