यूजीसी के नये नियमों के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक दो जून तक स्नातक परीक्षाओं की कॉपी की जांच नहीं करेंगे। उनका विरोध पांच दिनों से चल रहा है।
शुरू में शिक्षकों ने 24 मई से चार दिनों के लिए बहिष्कार का आह्वान किया था लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक (डूटा) की आम सभा की बैठक में इसे बढ़ाकर दो जून तक करने का निर्णय किया गया।
शिक्षक यूजीसी के नियमों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं और उनका तर्क है कि इससे 50 फीसदी नौकरियों में कमी आएगी और उच्च शिक्षा में छात्र-शिक्षक अनुपात बढ़ जाएगा।
नई गजट अधिसूचना में सहायक प्राध्यापकों की शिक्षण अवधि को हर सप्ताह 24 घंटे तक बढ़ा दिया गया है। इसी तरह एसोसिएट प्रोफेसर के शिक्षण की अवधि 14 घंटे से बढ़ाकर 22 घंटे कर दी गई है।
डूटा ने बयान जारी कर कहा, 'कार्य अवधि में बढ़ोतरी से छात्र-शिक्षक अनुपात में काफी गिरावट आएगी।'
शुरू में शिक्षकों ने 24 मई से चार दिनों के लिए बहिष्कार का आह्वान किया था लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक (डूटा) की आम सभा की बैठक में इसे बढ़ाकर दो जून तक करने का निर्णय किया गया।
शिक्षक यूजीसी के नियमों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं और उनका तर्क है कि इससे 50 फीसदी नौकरियों में कमी आएगी और उच्च शिक्षा में छात्र-शिक्षक अनुपात बढ़ जाएगा।
नई गजट अधिसूचना में सहायक प्राध्यापकों की शिक्षण अवधि को हर सप्ताह 24 घंटे तक बढ़ा दिया गया है। इसी तरह एसोसिएट प्रोफेसर के शिक्षण की अवधि 14 घंटे से बढ़ाकर 22 घंटे कर दी गई है।
डूटा ने बयान जारी कर कहा, 'कार्य अवधि में बढ़ोतरी से छात्र-शिक्षक अनुपात में काफी गिरावट आएगी।'
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