नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के निजी स्कूलों को चेताया है कि अगर उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को मुफ्त में किताबें और यूनीफार्म नहीं दीं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
शिक्षा निदेशालय ने स्कूल के प्रिंसिपल को भेजे पत्र में कहा, ‘आपको आरटीई कानून के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने और ईडब्ल्यूएस और डीजी श्रेणी के तहत स्कूलों में बच्चों को हर हालत में किताबें, पाठ्य सामग्री और यूनीफार्म मुफ्त में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाता है.’ पत्र में कहा गया कि इस आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
स्कूलों को ईडब्ल्यूएस और वंचित श्रेणी (डीजी) के छात्रों के प्रवेश के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करनी होती हैं. सरकार इस श्रेणी के छात्रों को प्रवेश पर निजी स्कूलों को 1598 रुपये प्रति छात्र की राशि देती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शिक्षा निदेशालय ने स्कूल के प्रिंसिपल को भेजे पत्र में कहा, ‘आपको आरटीई कानून के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने और ईडब्ल्यूएस और डीजी श्रेणी के तहत स्कूलों में बच्चों को हर हालत में किताबें, पाठ्य सामग्री और यूनीफार्म मुफ्त में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाता है.’ पत्र में कहा गया कि इस आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
स्कूलों को ईडब्ल्यूएस और वंचित श्रेणी (डीजी) के छात्रों के प्रवेश के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करनी होती हैं. सरकार इस श्रेणी के छात्रों को प्रवेश पर निजी स्कूलों को 1598 रुपये प्रति छात्र की राशि देती है.
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