दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन (DUTA) ने कहा कि शिक्षक फॉर्म नहीं भरेंगे क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि इस संबंध में दी गई जानकारी का इस्तेमाल ऑनलाइन परीक्षाओं के पक्ष में होने के रूप में किया जा सकता है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित कराने के संबंध में जानकारी मांगी है जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय ने सोमवार को अपने कॉलेजों में पत्र भेजकर कितनी ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित हुईं, उसकी जानकारी मांगी. हालांकि शिक्षकों ने इसका विरोध किया है.
DUTA ने कुलपति को पत्र लिखकर संबंधित जानकारी मांगे जाने वाले पत्र को वापस लेने की अपील की है.
संगठन पहले भी ऑनलाइन परीक्षाओं का विरोध करते हुए कुलपति को पत्र लिख चुका है. पत्र में संगठन ने यह भी कहा है कि प्रशासन इस बात को नहीं समझ रहा है कि ज्यादातर विद्यार्थियों के पास अब भी इंटरनेट सेवा और लैपटॉप/स्मार्टफोन की कमी है.
इससे पहले डीयू में ऑनलाइन एग्जाम कराने को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी. सूत्रों के मुताबिक, डीयू के अधिकारियों ने ऑनलाइन परीक्षाओं को कराने के लिए एक प्रपोजल तैयार किया था, जिसके अनुसार सवालों के जवाब में स्टूडेंट्स को वीडियो क्लिप अपलोड करके जवाब देना होगा. लेकिन इस प्रस्ताव को विभिन्न विभागों के डीन्स ने सिरे से नकार दिया. यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न विभागों के डीन की डीन ऑफ एग्जामिनेशन विनय गुप्ता के साथ वीडियो लिंक के जरिए बैठक हुई. इस बैठक में अधिकारियों ने सुझाव दिया कि स्टूडेंट्स को आठ प्रश्न भेजे जाएंगे और उन्हें जवाब में पांच मिनट की वीडियो क्लिप अपलोड करके उनमें से चार के जवाब देने होंगे.
सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर डीन्स ने इसे "व्यावहारिक रूप से असंभव" और 'असंगत' बताया.
सूत्रों के मुताबिक, ऑनलाइन परीक्षाओं को लेकर डीयू उलझन में है, लेकिन वह यूजीसी के निर्देशों का इंतजार कर रही है.
गौरतलब है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कोरोनावायरस के मद्देनजर पिछले हफ्ते अगले नोटिस तक सभी तरह की प्रैक्टिकल और लिखित परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं.
इनपुट: भाषा
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