दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि वे तीन महीने की ट्यूशन फीस एक साथ न लें. आपको बता दें कि अभिभावकों की ओर से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि स्कूल एक साथ तीन महीने की फीस मांग रहे हैं.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने इसी के साथ यह भी साफ किया कि कोरोनावायरस (Coronavirus) लॉकडाउन के दौरान कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक स्कूल बंद हैं तब तक सिर्फ ट्यूशन फीस ली जाएगी.
उन्होंने यह भी साफ किया कि लॉकडाउन के खत्म होने तक ट्रांसपोर्ट फीस, सालाना फीस और दूसरी तरह की किसी भी फीस को नहीं लिया जाएगा. आपको बता दें कि लॉकडाउन 3 मई को खत्म हो रहा है.
मनीष सिसोदिया के मुताबिक, "कोई भी स्कूल तीन महीने की ट्यूशन फीस एक बार में नहीं मांग सकता. फीस को हर महीने के हिसाब से लेना होगा. स्कूलों के लिए ये अनिवार्य है कि वे इस दौरान अपने स्टाफ को तनख्वाह दें. साथ ही कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी सैलरी देनी होगी. अगर उनके पास पैसों की कमी है तो वे इसके लिए अपनी मुख्य संस्था से मदद मांग सकते हैं."
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी स्टूडेंट ने फीस नहीं जमा की है तो स्कूल उसे ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं कर सकते हैं.
आपको बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर देश भर के स्कूलों और शैक्षणिक संस्थाओं में ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं ताकि पढ़ाई का नुकसान न हो.
मनीष सिसोदिया ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमें ऐसी कई शिकायतें मिली हैं कि स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है साथ ही वे ट्रांसपोर्ट फीस भी मांग रहे हैं, जिसका लॉकडाउन के दौरान इस्तेमाल ही नहीं हो रहा है. सरकार से अनुमति लिए बिना कोई भी स्कूल फीस में बढ़ोतरी नहीं करेगा. स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा किसी और फीस की मांग नहीं कर सकते हैं."
गौरतलब है कि कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन किया गया है.
इनपुट: भाषा
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