दिल्ली सरकार के विद्यालयों में करीब 60 हजार शिक्षकों को परीक्षा परिणामों को लेकर तालिका बनाने की प्रक्रिया से राहत मिलेगी और वे अब उत्तर पुस्तिका की जांच पर अपना ध्यान ज्यादा केंद्रित कर सकेंगे क्योंकि इस पूरी प्रक्रिया को डिजिटाइज्ड किया जा रहा है. शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली सरकार के विषय अध्यापक औसतन करीब 50 घंटे और कक्षा अध्यापक करीब 130 घंटे हर वर्ष परीक्षा संबंधी कार्यों में व्यतीत करते हैं.
यह समय उनके शिक्षण या परिवार का समय होता है. इसमें उत्तर पुस्तिका की जांच, अंकों को चढ़ाना, एक दूसरे अध्यापक द्वारा उनकी जांच, कक्षा अध्यापक द्वारा अंकपत्र में इन अंकों को चढ़ाना और शिक्षक डायरी व मास्टर रिकॉर्ड शीट में इन्हें दर्ज करना व व्यक्तिगत अंक पत्र के साथ ही ऑनलाइन मॉड्यूल में इन आंकड़ों का स्थानांतरण शामिल होता है.
उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “ज्यादा समय इसलिये लगता है क्योंकि यह सारे काम हाथ से होते हैं. लेकिन आगे से ऐसा नहीं होगा.” उन्होंने कहा कि छुट्टी और अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने के बाद सरकार परीक्षा के आंकड़ों का भी डिजिटलीकरण करने जा रही है.
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