नई दिल्ली:
सीबीएसई ने कक्षा नौ और 11वीं में किताब खोलकर परीक्षा देने के नियम को लागू करने के दो साल बाद इस नियम को अब वापस ले लिया है. बोर्ड ने कहा कि इस साल से छात्र परीक्षा केंद्र में किताबें लेकर नहीं जा सकेंगे. बोर्ड का मानना है कि इससे छात्रों की महत्वपूर्ण क्षमताओं के विकास में बाधा आती है.
बोर्ड अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने खुली किताब आधारित मूल्यांकन (ओटीबीए) को हटाने का फैसला किया है क्योंकि इस व्यवस्था को लेकर स्कूलों से नकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही थी.बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभिन्न हितधारकों से चर्चा के आधार पर बोर्ड ने साल 2017-18 के सत्र से नौंवी और ग्यारहवीं की शिक्षा योजना से ओटीबीए योजना हटाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हमें स्कूलों से फीडबैक मिल रहा था कि इस व्यवस्था से छात्रों के विकास और महत्वपूर्ण क्षमताओं में बाधा आ रही है.
2014 में लागू किया गया था नियम
साल 2014 में सीबीएसई ने ओटीबीए को कक्षा नौवीं में वाषिर्क परीक्षा में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए लागू किया था जबकि ग्यारहवीं के कुछ विषयों जैसे अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान और भूगोल की वाषिर्क परीक्षा में भी ये व्यवस्था लागू थी.
ओटीबीए में छात्रों को पाठ्य सामग्री चार महीने पहले ही उपलब्ध करा दी जाती थी और उन्हें मामले में अपने अध्ययन को परीक्षा में साथ ले जाने की इजाजत रहती थी.
छात्रों को इस बात की छूट रहती थी कि परीक्षा में सवालों का उत्तर लिखते समय वो अपने नोट्स या किताबों की मदद ले सकते थे. इसका मकसद छात्रों को सिर्फ रट्टू तोता बनाना नहीं बल्कि जानकारी को महत्वपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करना सीखाना था.
बोर्ड अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने खुली किताब आधारित मूल्यांकन (ओटीबीए) को हटाने का फैसला किया है क्योंकि इस व्यवस्था को लेकर स्कूलों से नकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही थी.बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभिन्न हितधारकों से चर्चा के आधार पर बोर्ड ने साल 2017-18 के सत्र से नौंवी और ग्यारहवीं की शिक्षा योजना से ओटीबीए योजना हटाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हमें स्कूलों से फीडबैक मिल रहा था कि इस व्यवस्था से छात्रों के विकास और महत्वपूर्ण क्षमताओं में बाधा आ रही है.
2014 में लागू किया गया था नियम
साल 2014 में सीबीएसई ने ओटीबीए को कक्षा नौवीं में वाषिर्क परीक्षा में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए लागू किया था जबकि ग्यारहवीं के कुछ विषयों जैसे अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान और भूगोल की वाषिर्क परीक्षा में भी ये व्यवस्था लागू थी.
ओटीबीए में छात्रों को पाठ्य सामग्री चार महीने पहले ही उपलब्ध करा दी जाती थी और उन्हें मामले में अपने अध्ययन को परीक्षा में साथ ले जाने की इजाजत रहती थी.
छात्रों को इस बात की छूट रहती थी कि परीक्षा में सवालों का उत्तर लिखते समय वो अपने नोट्स या किताबों की मदद ले सकते थे. इसका मकसद छात्रों को सिर्फ रट्टू तोता बनाना नहीं बल्कि जानकारी को महत्वपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करना सीखाना था.
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